मित्र की दृष्टि से कैसे देखें❓ स्वामी मुक्तानन्द How to see everyone from a friend's perspective?
Автор: ब्रह्म विद्या Brahma Vidya
Загружено: 2025-11-21
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दृते दृँह मा मित्रस्य मा चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षन्ताम् । मित्रस्याहं चक्षुषा सर्वाणि भूतानि समीक्षे । मित्रस्य चक्षुषा समीक्षामहे ॥ यजुर्वेद ३६-१८॥
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