श्रीपाल राजा मयणासुंदरी कथा..(श्री नवपद ओली आराधना की कहानी), अष्टान्हिका महापर्व सिद्धचक्र विधान |
Автор: Jain Darsan
Загружено: 2021-04-21
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जय जिनेन्द्र,
राजा श्रीपाल मयना सुंदरी के पति थे, उन्हें जन्म से ही कुष्ठ रोग था। उनके पिछले जन्म के कर्मों का फल था। मयना सुंदरी ने सिद्ध चक्र विधान अटूट श्रद्धा के साथ किया और अपने पति के कुष्ठ रोग का निवारण किया।क्या आप जानते हैं कि महलों में पलने वाली राजकुमारी मैना सुंदरी की शादी कोढ़ी पति से होने पर भी वह घबराई नहीं बल्कि अपने कर्मों पर, जिनेन्द्र भगवान पर पूरी आस्था बनाये रखी और अष्टान्हिका पर्व में सिद्धचक्र विधान कर अपने पति का कोढ़ रोग भी दूर किया। आइये देखते हैं इस वीडियो के माध्यम से कैसे उसके अशुभ कर्मों की निर्जरा हुई ।
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