श्री श्री विनोद बिहारी दास बाबा जी दर्शन | बरसाना परिक्रमा |
Автор: लोक भजन कीर्तन
Загружено: 2025-01-15
Просмотров: 386
श्री श्री विनोद बिहारी दास बाबा जी दर्शन | बरसाना परिक्रमा |#vinodbaba #vinodbabasatsang #barsana #barsanadham #barsanamandir #vinodbabadailysatsang #vinodbabalive #priyakunjashram
बाल्यकाल का नाम - विनय कुमार
जन्मतिथि -1947
माता का नाम - लावण्या
पिता का नाम - श्री दाम
संन्यास का वर्ष - 1976
संन्यास का माध्यम - श्री रामकृष्ण परमहंस की पुस्तक
तीर्थ यात्राएँ - पाँच वर्षों तक
संपूर्ण रूप से संसार त्यागकर गुरु सेवा और ब्रज भ्रमण में लीन - 1980
गुरुदेव का देहांत - मार्च-1984
भानुकुंड में निवास - 1984-1987
प्रेम सरोवर में जप - 1987-1995
ब्रज भ्रमण: वंशीवट, तपोवन, चंद्रसरोवर, आदि - 1995-1997
लिखी (हरियाणा) में निवास - 1997-2006
प्रिय कुंज आश्रम (बरसाना) में निवास 2006 से अब तक
श्री श्री विनोद बिहारी दास बाबा जी
श्री श्री विनोद बिहारी दास बाबा जी एक गौड़ीय वैष्णव संत हैं। भारत के विभिन्न शहरों को आशीर्वाद देने के पश्चात, बाबा जी ने 2006 से बरसाना के पीली पोखर में स्थित अपने आश्रम (प्रिय कुंज आश्रम) में श्री राधारानी की दिव्य सेवा में आश्रय लिया है। बाबा जी परम कृपालुता का सजीव उदाहरण हैं, जो भगवान की महानता और उनके भक्तों में प्रकट होती है। बाबा जी केवल श्रीधाम बरसाना के निवासियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे विश्व के पतित आत्माओं के लिए कृपा के स्रोत हैं।
प्रिय कुंज आश्रम, पीली पोखर, बरसाना
बाबा जी की कृपा से कोई भी अछूता नहीं रहता, यहाँ तक कि जानवर भी... बाबा जी का श्रीजी महल जाते समय बंदरों पर बरसने वाला प्रेम देखना एक अद्भुत दृश्य है। हर कोई यह देखकर आश्चर्यचकित होता है कि कैसे सभी बंदर बाबा जी से टॉफ़ी और बिस्किट लेते हैं, जैसे वे प्रशिक्षित हों। हाँ, वे प्रशिक्षित हैं, लेकिन केवल उस दिव्य प्रेम से, जो बाबा जी उन पर बरसाते हैं। बाबा जी कहते हैं कि ये सिर्फ बंदर नहीं हैं, बल्कि वे सभी महान भक्त हैं, जिन्होंने श्रीधाम बरसाना का बंदर बनने की प्रार्थना की थी, इसलिए हमें इनसे प्रेम करना चाहिए।
विनोद बाबा का प्रेम बरसाना
हर शाम ऊँची अटारी पर श्री महल में, बाबा जी के सत्संग से अनगिनत लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। कोई भी व्यक्ति उनके दिव्य सत्संग से शिक्षा ले सकता है। बाबा जी एक दिव्यता की नदी प्रवाहित करते हैं, जिसमें हर कोई स्नान कर सकता है। इसके बाद दिव्य कीर्तन शुरू होता है:
"हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे"
और "निताई गौर हरि बोल" तथा अन्य कई वैष्णव गीत।
बाबा जी की शिक्षाओं में से एक पुस्तक:
"भक्ति में बाधाएँ"
यह किसी भी वैष्णव के लिए पढ़ने योग्य है, जो अपराध रहित आध्यात्मिक जीवन जीना चाहते हैं।
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: