दुनिया बड़ी अजीब है
Автор: जैन संतवाणी
Загружено: 2025-10-25
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दुनिया बड़ी अजीब है
कैसे करें अपने बच्चे को संस्कारित? गर्भवती महिलाएं अवश्य सुनें
ऐसे करो मंत्र जाप फिर देखो चमत्कार!
सर्दी से पहले शरीर को बनाओ Strong — October में खाओ ये चीज़ें!
मच्छरों का भयंकर उपसर्ग, उमस लेकिन आचार्यश्री नहीं उठे पाटे से सुनें संस्मरण
घर दुकान वाहन की रक्षा के अचूक उपाय
मिथ्यात्व छोड़ने में डर क्यों
क्या जैन महिलाओं को करवाचौथ का व्रत रखना चाहिए?|
भारत की शान है जैन समाज खूब की तारीफ
गौरीघाट की बात है जब नदी के किनारे आश्रम में आचार्य श्री जी विश्राम कर रहे थे तब का संस्मरण
जब खजुराहो में आचार्यश्री विद्यासागरजी के पास आकर विदेशी वृद्ध महिला रोने लगी! क्या हुआ फिर
आचार्यश्री के कमरे में रात्रि में घुंघरू नृत्य की आवाजें घटना सुन होंगे हैरान पूर्णमति जी से
रकम
सॉफ्टवेयर इंजीनियर लाखों का पैकेज मां बाप के इकलौते बेटे सुधा सागर जी के संघ में हुआ ब्रह्मचारीजी के रूप में हुआ प्रवेश मां की आंखों से छलके आंसू
श्रीराम कथा जैन #रामायण
रावण और उसका शासन दशानन आगमन
कभी आप हजार मुख रावण तो नहीं हो
जीवन में शांति कहां से आएगी
अभिषेक और आहार की धोती को कभी प्लास्टिक की थैली में नहीं रखना चाहिए
समय न हाने पर भक्तामर स्त्रोत के यही 8 काब्य ही क्यों पढ़ने हैं
45 नंबर का काव्य असाध्य बीमारोयों को ठीक करने के लिए पढ़ते हैं फिर भी लाभ नहीं मिलता क्यों
जो व्यक्ति व्यस्त हैं वो भक्तामर स्तोत्र के 8 काव्य पढ़ सकते हैं वो 8 काव्य कौन से हैं?
क्या होता है भगवान की स्तुति करने से
भक्तामर स्तोत्र सबसे प्रसिद्ध स्तोत्र क्यों
भक्तामर स्तोत्र की रचना की कहानी
जब जीवन में ज्यादा समस्याएं आने लग जाएं तो बस एक काम करना है
जब भी कोई घर से बाहर जाता था तो उसे दही और चीनी क्यों खिलाते थे
जब भी आपको घबराहट हो तो बस आपको एक काम करना है
नजर लगी है कैसे पता चलेगा और नज़र उतारने का उपाय
रावण बड़ा पापी फिर भी भगवान बनेगा... क्यों
पंचम काल में किस आचार्य ने साक्षात अरहन्त भगवान के दर्शन किए
क्या आप जानते हैं कुंद-कुंद आचार्य सर्वमान्य आचार्य क्यों हैं
सुदामाजी निर्धन क्यों हो गए थे
स्त्री पर्याय का छेदन कैसे कर सकते हैं
जब भी आप मंदिर आएं तो दो बातों का ध्यान जरूर रखें
बाल काटने और नाखून काटने के बाद कितने समय तक अभिषेक नहीँ कर सकते और न ही द्रव्य चढ़ा सकते हैं
एक श्रावक की क्या परिभाषा है
संसारी प्राणी की अंतिम यात्रा में तीन चीजें ही क्यों जनकी जाती है
भगवान की शांतिधारा एक ही व्यक्ति को करनी चाहिए कि बीच-बीच में हाथ लगाते रहना चाहिए
शांतिधारा के अंत में जो छंद पढ़ते हैं उसकी चौथी लाइन में शांति पढ़ा जाता है या शांतिम
भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा पर अभिषेक कहाँ होना चाहिए
मस्तक पर अभिषेक करने के बाद चरणों और कंधों पर अभिषेक कर सकते हैं या नहीं
अभिषेक के समय 9 स्थानों पर चंदन क्यों लगाया जाता है
शांतिधारा के बाद अभिषेक करना चाहिए या नहीं
गंदोधक कब लेना चाहिए
मंदिर में तेज आवाज में पढ़ने से क्या होता है
अभिषेक करते समय सिर ढकना चाहिए | क्यों?
किस प्रकार का नियम लेने से वह त्याग और दान में जाता है
मंदिर से घर वापस कैसे जाते हैं और क्या बोलते हैं एवं देव दर्शन की पूरी विधि संक्षेप में
अर्हम का पाठ
कायोत्सर्ग कहाँ से करना है और क्यों?
देव दर्शन की पूरी विधि
नमः शब्द का मतलब भावार्थ क्या है?
मंदिर में द्रव्य कितने पुंज चढ़ाना चाहिए
हम द्रव्य लेकर मंदिर क्यों जाते हैं
विनम्र सागर जी महाराज के प्रवचन
सुयोग्य नंदिनी माताजी के प्रवचन
सुधा सागर जी महाराज के प्रवचन
विद्यासागर जी महाराज के प्रवचन
शंका समाधान
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