निष्काम कर्म का वास्तविक अर्थ क्या? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
Автор: शास्त्रज्ञान
Загружено: 2024-08-29
Просмотров: 24864
🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...
📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant
वीडियो जानकारी: 21.03.2024, गीता समागम, ग्रेटर नोएडा
Title : निष्काम कर्म का वास्तविक अर्थ क्या? || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)
📋 Video Chapters
0:00 – भूमिका (Intro)
0:03 – क्या गीता का मूल उद्देश्य निष्काम कर्म है या आत्मज्ञान?
12:45 – जो ज़ुबान पर ज़्यादा, वो जीवन में कम
17:25 – स्वयं में करुणा जोड़ना, गोबर में इत्र डालने जैसा है
29:37 – मुक्ति के फूल का सृजन
36:14 – महान लोगों से लाभ लेने से दुनिया वंचित क्यों रह जाती है?
44:59 – न अकेले हो, न पहले हो
59:47 – कल उन्हें क्या कष्ट हो, जो आज ही नष्ट हो
1:07:57 – मूर्ख कामनाओं का त्याग कैसे करें?
1:13:34 – ‘इतिहास की रात जो दीप हुए’ ~ भजन
1:14:47 – समापन (Outro)
प्रसंग:
एवं ज्ञात्वा कृतं कर्म पूर्वैरपि मुमुक्षुभिः।
कुरु कर्मैव तस्मात्त्वं पूर्वैः पूर्वतरं कृतम्।।
~ श्रीमद्भगवद्गीता, अध्याय 4, श्लोक 15
अर्थ:
ऐसा मुझे जानकर आजतक न जाने कितने मुमुक्षुओं ने निष्काम कर्म करे हैं। तो इस तरह जैसे तुमसे पहले बहुत सारे लोग निष्काम कर्म करके अपनी भीतरी अनंत ऊँचाई को पा चुके हैं, पार्थ, तुम भी वैसे ही कर्म करो।
अकेले नहीं तुम पहले नहीं
जब सच के तुम समीप हुए
तुम उनकी संगत में हो अब
इतिहास की रात जो दीप हुए
~ आचार्य प्रशांत द्वारा सरल काव्यात्मक अर्थ
~ निष्काम कर्म का अर्थ?
~ निष्काम कर्मी कैसे बनें?
~ अध्यात्म किसे कहते हैं?
~ जीवन का एक मात्र कर्तव्य क्या है?
~ जीवन में मुक्ति संभव है?
➖➖➖➖➖➖
केस कहा बिगाड़िया, जे मुंडे सौ बार।
मन को काहे न मूंडते, जा में भरे विकार ।।
~ संत कबीर
हीरा पड़ा बाज़ार में, रहा छार लपटाय।
बहुतक मूरख चलि गए, पारख लिया उठाय ।।
~ संत कबीर
अहंकार में अंधकार में, अज्ञान में मतिभ्रष्ट हैं।
कल उन्हें क्या कष्ट हो, वो आज ही जब नष्ट हैं।
(आचार्य प्रशांत द्वारा सरल काव्यात्मक अर्थ) ~ भगवद् गीता - 3.32
पहिले तो मन कागा था, करता जीवन घात।
अब तो मन हंसा भया, मोती चुन चुन खात ।।
~ संत कबीर
संगीत: मिलिंद दाते
~~~
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: