महामृत्युंजय मंत्र || १०८ बार ।। Mahamrityunjay Mantra 🔱
Автор: Anything, Anywhere & Anytime
Загружено: 2025-12-06
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महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसका जाप मृत्यु पर विजय, रोगमुक्ति और आध्यात्मिक उत्थान के लिए किया जाता है, जिसका मुख्य पाठ:
"ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥"
है, जिसका अर्थ है कि हम तीन नेत्रों वाले, सुगंधित और पुष्टि देने वाले शिव की पूजा करते हैं, जो हमें मृत्यु और नश्वरता के बंधनों से मुक्त करें, जैसे फल अपनी लता से मुक्त होता है।
मंत्र का अर्थ (Meaning of the Mantra)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे (Om Tryambakam Yajamahe): हम तीन नेत्रों वाले (शिव) की पूजा करते हैं।
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् (Sugandhim Pushtivardhanam): जो सुगंधित (पवित्र) हैं और जो पोषण व समृद्धि देते हैं।
उर्वारुकमिव बन्धनान् (Urvarukamiva Bandhanan): जैसे ककड़ी अपनी बेल से टूटती है/मुक्त होती है।
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् (Mrityormukshiya Mamritat): वैसे ही हम मृत्यु और नश्वरता (अमरता) के बंधन से मुक्त हों।
लाभ (Benefits)
यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
बीमारियों से मुक्ति और दीर्घायु के लिए यह अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
यह जीवन की बाधाओं, दुर्घटनाओं और दुर्भाग्य को दूर करता है.
कुंडली में ग्रहों के दोषों (दोष) के हानिकारक प्रभावों को कम करता है.
जप विधि (Chanting Method)
आमतौर पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 108 बार इसका जाप करना शुभ माना जाता है।
जाप करते समय शरीर के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनता है, ऐसा माना जाता है। #indianmythology #trending #hindisong #sanatandharma #om #mahamrityunjaymantra #omnamahshivaya #bholenath #Omtryambkam
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