मजदूर एवं किसान राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम
Автор: indicavision
Загружено: 2025-01-20
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मजदूर एवं किसान राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम
इस वीडियो को देख कर आप जान पायेंगे कि:
1. श्रमिक एवं कृषक राजनीति का उद्भव और विकास एवं स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका।
2. फरवरी 1922 से मार्च 1930 के दौरान की राजनीति का स्वरुप।
3. स्वतंत्रता आन्दोलन में नई प्रवृतियों का प्रवेश।
4. क्रांतिकारी, वामपंथी, प्रगतिशील और साम्यवादी विचारधारा के उदय के कारण।
5. कांग्रेस के गया अधिवेशन, दिसम्बर 1922 में मलयपुरम सिंगरावेलू चेट्टियार द्वारा साम्यवादी विचारधारा की वकालत।
6. सिंगरावेलु द्वारा पूर्ण स्वराज का समर्थन तथा उसने मेहनतकशों का पूंजीवाद और जमींदारी उन्मूलन का आव्हान।
7. अप्रैल 1923 में सिंगरावेलु द्वारा" लेबर एंड किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान" का घोषणा पत्र जारी।
8. 1 मई 1923 को भारत पहली बार मई दिवस मनाया और इसी दिन सिंगरावेलु द्वारा Labour and Kisan Party of Hindustan का गठन।
9. सिगरावेलू की गतिविधियां मद्रास प्रान्त में ही संचालित रहीं।
10. बॉम्बे प्रान्त में कांग्रेस लेबर पार्टी की स्थापना
11. स्वतंत्रता आन्दोलन में क्रांतिकारी, वामपंथी, प्रगतिशील एवं साम्यवादी विचारधारा का प्रभावी प्रवेश का मार्ग प्रशस्त।
अधिक जानकारी के लिए consult my article "Role of Workers and Peasants Parties in the Freedom Movement in India (1925-28)" , Social -Science Probings,2009, New Delhi
Image source: https://publications.cpiml.net/book/i...
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