गंगा के नाद में ध्यान का आनंद गंगोत्री यात्रा से पहले का संवाद
Автор: Shailendra Saxena
Загружено: 2020-10-25
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हरिओम! गंगोत्री यात्रा से पहले दो तीन वीडियो बनाए थे, जो आप तक नहीं पहुंचे। अभी हम विश्राम में हैं इसलिए ये वीडियो आप तक पहुंच रहे हैं। इसका आनंद लीजिए। अक्सर लोग पूछते हैं कि ध्यान के लिए एकांत चाहिए। घर के शोरगुल में ध्यान नहीं हो पाता। ध्यान के लिए हिमालय आना है। ध्यान करने से नहीं होता, ध्यान तो घटता है। जहां जैसी भी स्थिति हो, वहां जो भी शोर हो, उसी से स्वयं को लय कर लो। उसी में डूब जाओ, उसी में खो जायो। एक समय बाद वो शोर सुनाई ही नहीं देगा। तुम और शोर एक हो जाओ। उस अपने अंदर उतार लो। कुछ समय तक अभ्यास करो, देखोगे की ऐसे में ही ध्यान घटने लगा। अब शरीर का बोध नहीं होगा लेकिन कोई है जो जागरूक होकर इसका आनंद लेगा। आज आप भी हमारे साथ ध्यान का आनंद लीजिए।
© शैलेन्द्र सक्सेना
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