निशा भगत ने दिया खुलेआम चुनैती!!
Автор: Jeevan Duniya
Загружено: 2025-12-15
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निशा भगत ने दिया खुलेआम चुनैती!!@JeevanDuniya
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पत्थर माइंस बंद कराने को लेकर आदिवासी एकता का महाधरना
चतरा: आदिवासी एकता मंच चतरा के आह्वान पर सोमवार को केंदू गांव के सलैयाटांड़ में आदिवासी एकता सह आक्रोश महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया.महाधरना पत्थर माइंस को बंद कराने को लेकर किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सरना समिति महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष निशा भगत, केंद्रीय सचिव फूलचंद तिर्की, प्रवक्ता एंजन लकड़ा उपस्थित हुए. कार्यक्रम का संचालन एकता मंच के जिलाध्यक्ष महेश बांडो ने किया. अतिथियों को पत्ते से बनी टोपी व माला पहनाकर स्वागत किया गया. निशा भगत ने कहा कि यह राज्य आदिवासियों का है. यहां के जनप्रतिनिधि व अधिकारी आदिवासियों का शोषण कर रहे है. जल जंगल जमीन आदिवासियों की आत्मा है. विकास के नाम पर केंद्र व राज्य सरकार आदिवासियों की जमीन लूट रही है. उन्होंने कहा कि पेसा अधिनियम कानून सरकार लागू नहीं कर रही है, जिस दिन पेसा कानून अधिनियम लागू होगा, उस दिन से यहां का पत्थर व बालू कोई नहीं ले सकेगा. कहा कि यहां माइंस चालू नहीं होने दिया जायेगा. केंद्रीय सचिव ने कहा कि हमारी जमीन को लूटा जा रहा है. कार्यक्रम के माध्यम से माइंस को उखाड़ फेंकना है. श्री बांडो ने कहा कि माइंस के बगल में सरकारी विद्यालय, सरना स्थल व लोगों का घर है. माइंस खुलने से यहां के लोग धूलकण से परेशान हो जायेंगे. 20 आदिवासी घर के लोग प्रभावित हो जायेंगे. इसके बाद महाधरना स्थल से एक रैली निकाली गयी. रैली पत्थर माइंस पहुंची और माइंस के चारों तरफ मिट्टी भरा और सरना झंडा लगाकर माइंस की खुदाई के काम को बंद कराया. इस दौरान सरना झंडा गाड़ने को लेकर दो पक्षों के बीच नोक झोंक हुई. वहीं सीओ ने दोनों पक्षों को कागजात लेकर कार्यालय आने को कहा. महाधरना में सरना समिति के उपाध्यक्ष सोमर उरांव, छोटू सिंह भोगता, मंच के सचिव विजय कुमार गंझू, नंदा उरांव, विष्णु उरांव, हरि उरांव, दीपक उरांव, बालदेव उरांव, मंजू उरांव, खुशबू उरांव, संतोष उरांव समेत आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे.
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