जीवन में कष्ट क्यों आते हैं | Science of Mind Management 3 | Swami Mukundananda
Автор: Swami Mukundananda Hindi
Загружено: 2020-07-08
Просмотров: 48051
हमनें जीवन में हमेशा बाहर की परिस्थितियों को दोष दिया है। जीवन भर, कभी परिवार वालों पर, कभी मित्रों पर, कभी परिस्थितियों पर दोषारोपण किया किन्तु हमने कभी अपनी ज़िम्मेदारी नही मानी। हमारे अंदर इच्छा ही नही है और हम परिस्थितियों को दोष देते है। कोई भी परिस्थिति आपको पापात्मा नही बनाती बल्कि पाप करने की मंशा आपको पापात्मा बनाती है। परिस्थिति को केवल सहायक की तरह कार्य करती है। परिस्थिति हमको बनती नहीं है वह हमारी आतंरिक इच्छाओं को व्यक्त करने का अवसर देती है। अपनी परिस्थिति के लिए हम संसार , भगवान किसी को दोष नहीं दे सकते। भगवान ने यह संसार बिलकुल परफेक्ट बनाया है। इसमें कोई त्रुटि नहीं है। तो लोग प्रश्न करते हैं की तो फिर भगवान ने बीमारी , दुख ये सब क्यों देते हैं ? हमारे जीवन में यह सब कष्ट और दुःख की परिस्थिति इसीलिए आती है की जिससे हम उसका सामना करते हुए अपनी उन्नति करें और जीवन मे सफल बनें। यह समझें की जीवन में सफलता चालाकी से नहीं मिलती है। जीवन में सफल बनने के लिए हम को सहनशीलता, स्वच्छता , कर्मठता , निष्ठा और अंदर का सहस बल इन सब चीजों को बढ़ाने से मिलती है।
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