प्राथना र पुण्य विभाजन (कुनै पनि कुशल पुण्य गरिसकेपछि उच्चारण गर्न) - भद्दन्त प्रज्ञावंस भन्तेज्यु
Автор: नेपाली धर्म देशना
Загружено: 2024-12-17
Просмотров: 428
यसरी गरेको कुशल पुण्य को प्रभावले शोक, दु:ख निरोध हुने अमृत निर्वाण सुखलाई नबिसाई पुग्ने प्रार्थना गर्दछु म। निर्वाण नपुगी यदिभव त्यो त्यो जन्ममा आजानेय त्रीहित उक्कठ उत्तम पुरुष शिल्प विध्या सुन्ने बित्तिकै राम्रो जान्नु प्रार्थना गर्छु। कुशल पुण्यका राम्रा सँस्कार पारमी पनि शान्ति प्रसन्न हुनको निम्ति पूरागर्नु प्रार्थना गर्छु।।
आज गरेको कुशल पुण्यको भागलाई माता पिता, बाजे बजै, गुरू आचार्य, ञाति सम्बन्धी, मैत्री संगती, गृह रक्षक, गाउँ रक्षक, नगर रक्षक, सासन रक्षक, प्रधान देवता मनुष्य लोकका, चार अपायका, भूमट्ठ देवता, रूखट्ठ देवता, आकाशट्ठ चतुर्महाराज इन्द्रदेवा, यम ब्रम्हा, एकतीस भुवनमा भए जति सुखिता दुखिता प्राणी सबैलाई आज गरेको कुसल पुण्यको भागलाई बराबर बाँटि दिँदैछु।
सबै सुने जतिले कुसल पुण्य पुण्य पुण्य लिई बक्सनु होस्!!
साधु साधु साधु 🙏🙏🙏
सबै सुने जतिले कुसल पुण्य पुण्य पुण्य लिई बक्सनु होस्!!
साधु साधु साधु 🙏🙏🙏
सबै सुने जतिले कुसल पुण्य पुण्य पुण्य लिई बक्सनु होस्!!
साधु साधु साधु 🙏🙏🙏
भद्दन्त प्रज्ञावंस भन्तेज्यु
--------
Credit to original uploaders
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: