SAYAREE DUTTA SINGING PURIYA DHANASHRI, GAUD MALHAR AND KEDAR CURATED BY MIHIR THAKORE
Автор: MIHIR THAKORE-HINDUSTANI CLASSICAL MUSIC
Загружено: 2024-03-30
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ACCOMPANISTS: TABLA-SHRI BIVASH SANGHAI
HARMONIUM-SHRI PRADIP PALIT
LYRICS:
RAGA PURIYA DHANASHRE:
1)Vilambit Ektaal-
*अस्थाई*: ए बल बल जाउ, जाउ बल, बल रे
तोरे गाओ के लोग बुरे।।
*अन्तरा*: ले चल वाहु, देस "सदारंग"
मानत ना नुग रे।।
2)Drut Teentaal-
*अस्थाई*: रम गए कौन देस कन्हाइ,
दर्शन बिन अखिया तरसाए।।
*अन्तरा*: ढुंडी "रतन" देस बिदेस वा,
नाही खबरिया उनके पाए।।
RAGA GAUD MALHAR
1) Madhyalaya Rupak-
*अस्थाई*: आयो आयो रे झूम के,
घिरकर काले बदरवा।।
*अन्तरा*: रैन अन्धेरी बिरहा सतावे,
याद आवत मोहे "सजन" वा।।
2) Drut Teentaal-
*अस्थाई*: प्यारी लाड से झुले लाडली लाड करे, आये रे,
गड़जत बरसत, गुईया परत गड़वा लागे।।
*अन्तरा*: दादर बोलो, पपिहा बोले,
मोर शोर करे, बिजली कि चमक से जिया रा लरजे।।
RAGA KEDAR
Tarana in Drut Teentaal-
*अस्थाई*: ताना ना तेरे दीम, दीम ताना,
ताना देरे ना, दीम दीम ताना ना रे।।
*अन्तरा*: तादारे तोम ताना ना, ताना देरे ना,
तादीम दीम ताना ना तद्रे ताने दीम,
यलली यलली यली यला आलि।।
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