महादेव श्रेष्ठ या महाविष्णु? स्वामी कैलाशानंद गिरि जी की कथा से समझें रहस्य
Автор: Tilak Varta - The Sanatan Podcast
Загружено: 2025-08-16
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सनातन संस्कृति में महादेव (शिव) और महाविष्णु दोनों ही परम सत्ता के प्रतीक हैं, और दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। यह प्रश्न कि "महादेव और महाविष्णु में कौन सर्वश्रेष्ठ है?" सनातन दर्शन के मूल सिद्धांतों को समझने की आवश्यकता को रेखांकित करता है, जो एकता और सामंजस्य पर आधारित है। तिलक वार्ता में श्री निरंजन पीठाधीश्वर श्री श्री १००८ आचार्य महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज के विचारों के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि दोनों देवताओं की महत्ता को अलग-अलग नहीं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक के रूप में देखना चाहिए।
सनातन धर्म में भगवान शिव और भगवान विष्णु को त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के रूप में देखा जाता है, जहां प्रत्येक की अपनी विशिष्ट भूमिका है। महादेव संहार के अधिपति हैं, जो पुराने का अंत कर नए का सृजन संभव बनाते हैं। दूसरी ओर, महाविष्णु पालनकर्ता हैं, जो विश्व की व्यवस्था और जीवन को संतुलित रखते हैं। दोनों का कार्य एक-दूसरे पर निर्भर है; बिना संहार के सृजन संभव नहीं, और बिना पालन के संहार का कोई अर्थ नहीं।
वेद, उपनिषद, और पुराणों में कई कथाएं इस एकता को दर्शाती हैं। उदाहरण के लिए, शिव पुराण और विष्णु पुराण दोनों में एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सहयोग का वर्णन है। एक प्रसिद्ध कथा में, जब भस्मासुर को वरदान मिला कि वह जिसके सिर पर हाथ रखे, वह भस्म हो जाए, तो महादेव की रक्षा के लिए विष्णु मोहिनी रूप में आए। इसी तरह, हरिवंश पुराण में भगवान शिव और भगवान विष्णु के एकरूप होने की बात कही गई है, जैसे "हरि-हर" के रूप में।
स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज, महादेव और मां भगवती के परम उपासक हैं और 17 बार कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर चुके हैं, इस विषय पर गहन दृष्टिकोण रखते हैं। उनके अनुसार, महादेव का तत्त्व "शिव" शुद्ध चेतना, ध्यान और वैराग्य का प्रतीक है, जबकि विष्णु का तत्त्व "नारायण" करुणा, भक्ति और विश्व कल्याण का प्रतीक है। दोनों में कोई श्रेष्ठता का प्रश्न नहीं उठता, क्योंकि दोनों एक ही परम तत्त्व के दो रूप हैं। स्वामी जी ने अपने साक्षात्कार में बताया कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा में उन्हें शिव और शक्ति के एकरूप होने का अनुभव हुआ, और यह भी कि विष्णु की भक्ति बिना भगवान शिव जी की कृपा के अधूरी है।
तिलक वार्ता के संवाददाता संजय मिश्रा कात्यायनी (Sanjay Mishra Katyayani) ने स्वामी कैलाशानंद गिरि जी महाराज से की विशेष वार्तालाप। आप भी इस वीडियो में देखिए ज्ञानवर्धक बातचीत।
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