#ravichuruwala
Автор: RAVI CHURUWALA
Загружено: 2025-12-16
Просмотров: 88
#देपालसर सिद्धपीठ तारागढ़ी#दक्षिण मुखी गणेश#चूरू #ganesh#churu#bissau#sikar #ganeshfestival#दीपल्सर
250 साल पुराना है ये दक्षिण मुखी गजानन मंदिर... इस खास दिन लगता है 1100 किलो मोदक का भोग
जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देपालसर जहां स्थित तारागढ़ी धाम जो जिले सहित प्रदेश के लोगो के लिए आस्था का केंद्र है. जहां जमीन से करीब 75 फिट की ऊँचाई पर टीले पर किले नुमा बने इस मंदिर की काफी मान्यताएं है.
प्रथम पूज्य भगवान गणेश के यूं तो विश्व में कई अनेखो मंदिर है, जिनकी काफी मान्यताएं भी है. लेकिन राजस्थान के चूरू में भगवान गणेश का एक ऐसा प्राचीन मंदिर है जिसकी महिमा अपरंपार है. जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देपालसर जहां स्थित तारागढ़ी धाम जो जिले सहित प्रदेश के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. जहां जमीन से करीब 75 फिट की ऊंचाई पर टीले पर किले नुमा बने इस मंदिर की काफी मान्यताएं है.बुधवार को प्रथम पूज्य भगवान गणेश के दर्शन करने के लिए यहां श्रद्धालुओ का तांता लगा रहता है. दिलचस्प बात ये है कि यहां विराजमान भगवान गणेश की प्रतिमा जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं में काफी आकर्षण का केंद्र है. पुजारी परिवार के सदस्य के बताते है कि यहां भगवान गणेश की प्रतिमा का मुख तीन बार पूर्व दिशा में किया जा चुका है परंतु वापस प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा में हो जाता है. ऐसे में दक्षिण मुखी भगवान गणेश का यह मंदिर प्रदेश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां भगवान गणेश दक्षिण में विराजे है जोधपुर रियासत से जुड़ा है ये किस्सा तारागढ़ी धाम के पुजारी परिवार के अनुसार प्रसिद्ध तारागढ़ी का गणेश मंदिर जोधपुर रियासत की राजकुमारी तारामणी ने बनवाया था. उन्हीं के नाम पर इसका नाम तारागढ़ी मंदिर पड़ा.गोस्वामी बताते हैं करीब 250 वर्ष पहले जोधपुर की राजकुमारी तारामणी तीर्थ यात्रा पर निकली थी. इस दौरान वे गांव में रात्रि विश्राम के लिए ठहरी तो रात्रि में उन्हें स्वप्र में भगवान गणेश दिखाई दिए व अपनी मूर्ति स्थापित करने की बात कही. उन्होंने बताया कि प्रातःकाल में राजकुमारी ने अपने सैनिकों को आदेश देकर निकट के गांव श्यामपुरा के धोरों की खुदाई करवाई तो ये मूर्ति निकली जिसे बाद में राजकुमारी ने मंदिर का निर्माण करवा कर स्थापित किया उन्होंने बताया कि पहले इस मंदिर के रख रखाव का खर्च जोधपुर रियासत करती थी,बाद में बीकानेर ने इसकी सार संभाल की उन्होंने बताया कि देश में एक ही ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान गजानन दक्षिण मुखी विराजित हैं.
मंदिर के पुजारी संजय गोस्वामी बताते हैं कि हर वर्ष गणेश चतुर्थी पर 1100 किलो मोदक का मंदिर में भगवान गजानन के भोग लगाया जाता है और फिर गणेश चतुर्थी पर भगवान गजानन के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद बाटा जाता हैं।
#ravichuruwala
#रवि_चूरुवाला
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: