Kuppaghat Bhagalpur ऐतिहासिक गुफा जहां महर्षि मेही ने 10 साल साधना की कुप्पाघाट भागलपुर IN BIHAR
Автор: Raghav Rana Official
Загружено: 2025-07-09
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कुप्पाघाट, भागलपुर, बिहार में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो महर्षि मेही परमहंस से जुड़ा है। यह स्थान गंगा नदी के किनारे स्थित है और माना जाता है कि महर्षि मेही ने यहां गुफा में 10 साल से अधिक समय तक ध्यान लगाया था।
कुप्पाघाट का शाब्दिक अर्थ है "नदी के किनारे की गुफा". यह गुफा, जिसे महर्षि मेही आश्रम के रूप में भी जाना जाता है, संतमत संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है.
कुप्पाघाट का इतिहास:
महर्षि मेही का निवास:
कुप्पाघाट में महर्षि मेही परमहंस ने 10 साल से अधिक समय तक ध्यान और साधना की.
गुफा का महत्व:
माना जाता है कि यह गुफा, जहां महर्षि मेही ने साधना की, एक सुरंग का हिस्सा है जो भागलपुर से मुंगेर तक जाती है.
आश्रम का विकास:
बाद में, यह गुफा महर्षि मेही आश्रम के रूप में विकसित हो गई और संतमत संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गई.
धार्मिक महत्व:
गुरु पूर्णिमा और महर्षि मेही की जयंती पर यहां बड़ी संख्या में भक्त आते हैं.
अन्य आकर्षण:
कुप्पाघाट में एक सुंदर उद्यान और बाग भी है, जिसमें भगवान राम और शबरी की मुलाकात और रावण द्वारा जटायु की मृत्यु के दृश्य दर्शाने वाली मूर्तियां और चित्र हैं.
कुप्पाघाट आज:
आज, कुप्पाघाट एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां देश-विदेश से लोग आते हैं.
यहां का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है, जो इसे ध्यान और आत्म-चिंतन के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है.
कुप्पाघाट में महर्षि मेही की स्मृति में एक भव्य कमरा भी बनाया गया है, जिसे भक्त दर्शन के लिए जाते हैं.
निष्कर्ष:
कुप्पाघाट, भागलपुर का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो महर्षि मेही परमहंस और संतमत संप्रदाय के साथ अपने जुड़ाव के लिए जाना जाता है। यह स्थान आज भी भक्तों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बना हुआ है.
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