जाति न पूछो साधु की | कबीर दास जी का अमर भजन | Spiritual Song | Kabir Bhajan | Kabir Das Ji
Автор: कबीर–पथ
Загружено: 2025-10-24
Просмотров: 1881
🕉️ कबीर दास जी का अमर संदेश: "जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान" 🕉️
इस भजन में कबीर साहब सिखाते हैं कि व्यक्ति की पहचान उसकी जाति से नहीं, बल्कि उसके ज्ञान और गुणों से होनी चाहिए। म्यान और धार के रूपक के द्वारा वे समझाते हैं कि बाहरी आवरण व्यर्थ है, असली मूल्य भीतरी ज्ञान का है।
🎵 *मुख्य संदेश:*
• जाति-पाति से ऊपर उठकर ज्ञान को महत्व दें
• बाहरी दिखावे से बचें, आंतरिक गुणों को पहचानें
• सच्चे साधु की पहचान उसके ज्ञान से करें
• अहंकार छोड़कर विनम्रता अपनाएं
📜 *दोहा:*
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान॥
Lyrics :
म्यान की झिलमिल छोड़ रे, धार का मोल पहचाने,
मन के आईने को धो, नाम-दीप भीतर जगमगाने।
जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान॥
लोहे की धार कुंद पड़ी, म्यान नई-नई सजवाने,
रण में कब काम आएगी, रूप-भ्रम में उलझाने।
कुम्हार का चाक घुमे, मिट्टी सब रूप निभाने,
घड़ा वही अमृत धरता, भीतर स्वभाव सुझाने।
वन में एक दीप जला, पथिक को राह दिखाने,
कवि कहे भेद न तन का, गुण ही नाव उबारे।
जाति-गुलाल उड़ाये जग, सत्य-तिलक को भुलाने,
धार-विवेक सँवार सखे, पार पड़े भवसागर ताने।
म्यान का मान न मान रे, धार का मान निभा,
ज्ञान की शीतल छाँह ले, अहंकार-धूलि सधा।
कुल-गोत्र के जाल तने, मन को बांध बनवाने,
देह-मरुधर प्यासा रहा, रस-ज्ञान न पा पाने।
अहंकार की आँधी चली, दीप-शिखा डुल जाने,
नाम-शरण जो गया सखा, अंधेर सब मिट जाने।
एक ही श्वास सभी में, एक ही प्राण समाने,
रूप कई, मूल एक, मोती का सागर माने।
जो बाहिर रंग पकड़ ले, भीतर शांति गँवाने,
जो भीतर दीप जलाए, जगत-रात कट जाने।
गुरु-वचन को मूल धर, म्यान-मोह सब तज दे,
प्रेम-सुरति को धार बना, हर श्वास में राम रख दे।
साँस-साँस जप नाम रट, मन-पंछी पास बुलाने,
सेवा-सत्य को सेज बना, घर-घर प्रेम बिछाने।
दया-धर्म की पगडंडी, दिन-रैन नित्य निभाने,
लोभ-लालच की गांठ खोल, सहज समाधि को पाने।
भिक्षु हो या राजसिंह, कसौटी एक ही ठाने,
गुण-ज्ञान से तौल हृदय, माया-तराजू हटाने।
धरती-धूलि सम भाव रख, सबमें प्रभु को जाने,
धार को तेज कर निरंतर, कर्म-कमल खिलाने।
म्यान का मान न मान रे, धार का मान निभा,
ज्ञान की शीतल छाँह ले, अहंकार-धूलि सधा।
कबीर कहे मन प्यारे, गुण को मोल लगाना,
म्यान तो छनती छाया, धार ही पार लगाना।
🔔 Subscribe करें और घंटी दबाएं नए भजनों के लिए!
#KabirBhajan #HindiBhajan #Spirituality #Devotional #SantKabir #KabirDas #Bhakti #IndianClassical #Meditation #Philosophy #NirgunBhajan #KabirDasJi #KabirPath #KabirVani #KabirKeDohe #nirgunbhajan
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: