विशाल रक्तदान शिविर 29 अक्टूबर 2025 परम पूज्य गुरुदेव श्री उपेन्द्र मुनि जी म.सा. की पावन प्रेरणा से
Автор: BhagwanPremsukhMandir
Загружено: 2025-11-01
Просмотров: 198
चातुर्मास क्या एक तुफान था 
श्री एस. एम. जैन सभा  समालखा मंडी के अहोभाग्य से शान ए जिनशासन, गरीबों के मसीहा, चमत्कारी बाबा परम सेवा भावी परमाराध्य सत् गुरुदेव श्री प्रेमसुख जी म.सा के अन्तेवासी लघुशिष्य राष्ट्रीय रत्न प्रज्ञा महर्षि, पं० रत्न शास्त्री गुरुदेव श्री उपेन्द्र मुनि जी म. सा., मधुरवक्ता श्री इन्द्रेश मुनि जी म.सा, तपस्वी श्री प्रशान्त मुनि जी म.सा. एवं युवावक्ता सेवानिष्ठ श्री सहदेव सुनि जी म. सा आदि ठाणा 4 का सन् 2025 का एतिहासिक चातुर्मास प्राप्त हुआ। पूज्य गुरुदेव शास्त्री श्री उपेन्द्र मुनि जी म.सा. आदि सन्तों का 6 जुलाई 2025 प्रात: 8:00 बजे श्री राकेश जैन हथवाला वालों की कम्पनी से मंगलमय भव्य पावन चातुर्मास प्रवेश, समालखा मंडी के मुख्य मार्गों से गुजरता हुआ, रेलवे रोड़ से होते हुए पुरानी गुड़ मंडी से होकर नई अनाज मंडी नई जैन स्थानक में गगनभेदी जयकारों, युवाओं के भंगडो के साथ पहुँचे। प्रवेश में लगभग 2 हजार लोगों की उपस्थिति थी। इसी अवसर पर श्री वीर प्रकाश जैन प्रधान के सानिध्य में जैन स्थानक का भव्य उद्घाटन हुआ।
एक भव्य विश्वशांति महायज्ञ समालखा मंडी को नई पहचान दे गया। लोग कहते हैं कि हमें नहीं मालूम था कि समालखा मंडी में राष्ट्रीयस्तर का ऐसा भव्यतिभव्य प्रोग्राम भी हो सकता है। इसके बाद 21 अगस्त 2025 से पर्वाधिराज पर्वपर्यूषणों में अष्ट दिवसीय कार्यक्रम रखे गए एवं 28 अगस्त 2025 को संवतारी महापर्व पर जैन स्थानम का कोना कोना पौषध करने वाले भाईयों से भरा हुआ था तथा महिलाओं की व्यवस्था वैश्य कन्या महाविद्यालय में में रखी गई। पर्युषण पर्वों में प्रात: श्रीमद् अन्तगड़ सूत्र की वाचना और दोपहर में श्रीमद् कल्प सूत्र की वाचना गुरुदेव के श्रीमुख से की गई जिसमें क्षेत्र वासियों ने भरपूर लाभ लिया।
15 अगस्त को शहीदी दिवस मनाया गया, देश के वीर जवानों शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद, देश की आजादी के लिए गुण-गान सभा रखी गई।17 अगस्त रविवार को नई अनाज मंडी में शैड के नीचे जन्माष्टमी पर्व का आयोजन किया गया जिसमें श्री वर्धमान युवा संघ द्वारा जन्माष्टमी का भव्य कार्यक्रम करने के साथ सभी बुजुर्ग श्रावकों का सम्मान करके सम्मान दिवस के रूप में भी मनाया।  इसके बाद 7 सितम्बर को भव्यरूप में शिक्षक दिवस उत्सव ग्रीन गार्डन में मनाया, क्या जन सैलाब था! जिसमें गुरुदेवों के अतिरिक्त डॉ सतपाल सिंह पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर पूर्व केंद्रीय मंत्री कुलाधिपति गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार, आचार्य श्री कृष्णपाल जी महामण्डलेश्वर एवं देवालय संघ के अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश गुप्ता जी ने भी संबोधित किया तथा इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव श्री उपेन्द्र मुनि जी  म. सा. को (राष्ट्रीय रत्न) की उपाधि से भी अलंकृत किया। 21 सितंबर फिर एक नया प्रारूप लेकर आया, जिसमें जैन स्थानक में जाप के कक्ष में नवकार मंदिर की स्थापना की गई प्रवचन हाल में नवकार दरबार का अनावरण किया गया तथा जैन स्थानक की संपूर्णता का प्रतीक कलश स्थापित किया गया। इसके बाद दीपावली पर्व पर 19,20,21  3 दिवसीय एकांत मौन साधना में पूज्य गुरुदेव श्री उपेन्द्र मुनि जी द्वारा दीपावली पर्व पर तेले तप की आराधना की गई ।22 अक्टूबर को प्रातः 7:00 बजे गुरुदेव ने हजारों की संख्या में पहुंचे गुरुभक्तों को दर्शन दिए और अपना संकट हारी मंगलकारी महा मंगल पाठ प्रदान किया एक अद्भूत नजारा था, जिसकी अभिव्यक्ति नही की जा सकती। इसी अवसर पर राष्ट्रीय रत्न गुरुदेव श्री उपेन्द्र मुनि जी म.सा. एवं सकल समाज  द्वारा प्रधान श्री वीर प्रकाश जैन को (समाज रत्न) की उपाधि से अलंकृत किया गया। 26 अक्टूबर 2025 को (विशाल तप अभिनंदन समारोह )कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें  तप की अनुमोदना और तपस्वियों का स्वागत अभिनंदन किया गया चार  श्राविकाओं ने 108-108 आयम्बिल तप का महान पराक्रम किया अन्य बहुत से श्रावक श्राविकाओं ने भी अपने सामर्थ्य अनुसार बहुत सी तपस्या की पूरे चातुर्मास तपस्या चलती रही जिसमें व्रत आयम्बिल मासखमण-9 , एकासना मासखमण-43, व्रत आयम्बिल अठाई -91,एकासना अठाई-267 संपन्न हुई और साथ ही (राष्ट्रीय शांति महायज्ञ) का कार्यक्रम भी रखा गया जिसमें (नमो जिणाणं जिए भयाणं) का जाप राष्ट्र शांति की भावना से किया गया। 29 अक्टूबर 2025 को भारतीय सेवा सहायतार्थ विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 315 यूनिट इकट्ठी की गई। गुरुदेव की कृपा से समालखा ही नहीं अपितु पूरे पानीपत जिले में एक रिकॉर्ड कायम किया गया ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि किसी एक संस्था ने अपने शिविर में 315 यूनिट रक्तदान एकत्रित किया हो गुरुदेव की प्रेरणा और लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना ही इसकी एकमात्र वजह रही इसलिए पूरा समालखा और दूर दराज से भी रक्तदाता शिविर में रक्तदान करने के लिए उमड़ पड़े। चातुर्मास के अन्तिम रविवार  को भगवान महावीर निर्वाण, गौतम केवल ज्ञान दिवस, प्रभु श्री राम का अयोध्या आगमन एवं गुरु नानक जयंती का भव्य कार्यक्रम किया गया। तथा चातुर्मास के अन्तिम दिन महा एकासना दिवस रखा गया । गुरुदेव ने केवल जैन ही नहीं अपितु 36 बिरादरी को धर्म से जोड़ा इस चातुर्मास में सिर्फ जैन ही नहीं अपितु  सभी बिरादरी के लोगों ने चातुर्मास को ऐतिहासिक एवं सफल बनाने के लिए अपना सहयोग  प्रदान किया यह नजारा भी अपने आप में एक अनोखा ही था जो की समालखा के इतिहास में पहली बार हुआ है और स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है समालखा मंडी के लोग कहते है कि ये चातुर्मास नहीं एक तूफान था जो सब कुछ उडा ले गया ।
और यह सब चमत्कारी बाबा गुरुदेव श्री प्रेमसुख जी महाराज साहब का आशीर्वाद और राष्ट्रीय रत्न, प्रज्ञा महर्षि, पंडित रत्न,शास्त्री गुरुदेव श्री उपेन्द्र मुनि जी म.सा. आदि ठाणे-4 के अथक प्रयासों का ही परिणाम है।                
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
- 
                                
Информация по загрузке: