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                जिन धर्म का मार्ग ही अकेले का है | Pandit Vivek Ji Jain, Sahaj
Автор: Jainatva Musings
Загружено: 2024-12-10
Просмотров: 648
Описание:
                
                    
                
            
        समाज में रहने के लिए कितना compromise किया जाये? और क्यों किया जाये? 
हमें स्वर्ग के असंख्यात जीवों की टोली में जाना है या उन ६०८ में शामिल होना है?
olympic खिलाड़ी कितना compromise करते है? हम अलौकिक सुख के लिए नहीं करे तो क्या होगा?
जिनधर्म का मार्ग अकेले का ही है
Original video:    • ये मार्ग ही अकेले का है... | QnA With @Viv...                  
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