Zindagi Ka Gyaan
बाहर कुछ नहीं सब चंचल मन का खेल है! अष्टावक्र गीता।
तुम मुक्त हो!ये अनुभव करो अष्टावक्र गीता।
जो पुरूष स्त्री के स्वरूप और मृत्यु को समझ लेता है वह सदैव के लिए मुक्त होता है।
एक ऐसा ज्ञान जिससे मृत्यु का भय खत्म होता है अष्टावक्र गीता।
आत्मा ना करता है ना भोगता है कर्म करो । अष्टावक्र गीता।
जो अपना है वह कोटा नहीं जो खो जाए वह कभी अपना नहीं।
मुक्ति किसी मार्ग पर नहीं तुम्हारे भीतर है मुक्ति का रहस्य अष्टावक्र गीता।
मन के आंसू ही आत्मा की मुस्कान है यही आत्मज्ञान है अष्टावक्र गीता।
पता करो तुम कहां अटके हो? वही देखने की जरूरत है! अष्टावक्र गीता।
तुम कभी बंधन में नहीं थे! तुम सिर्फ भ्रम में थे .अष्टावक्र गीता
कर्म की लहरें आत्मा तक नहीं पहुंचती आत्मा को कोई कर्म छू नहीं सकता! अष्टावक्र गीता।
आत्मा बोल रही है बस सुनो आत्मा की धुन में खो जाओ अष्टावक्र गीता।
संसार एक स्वप्न है! जो संसार को सच मान लेता है वही दुखी है अष्टावक्रगीता।
आत्मज्ञान के बाद संसार से संबंध कैसा रहता है अष्टावक्र गीता।
वासना तुम्हें खा रही है और तुम मुस्कुरा रहे हो! अष्टावक्र गीता।
जो मृत्यु को जान लेता है वही अमर है अष्टावक्र गीता।
जब वासना समाप्त होती है तब आत्मा प्रकट होती है! अष्टावक्र गीता।
कामना अज्ञान का मायाजाल अष्टावक्र गीता।
आत्मा को जानने के सूत्र अष्टावक्र गीता
ऋषि अष्टावक्र के विवाह की दिव्य कथा।
अहंकार से मुक्त कैसे हो अष्टावक्र गीता।
बंधनों से ऊपर उठो आत्मा को उड़ने दो अष्टावक्र गीता।
स्वयं को पहचानो तुम ही साक्षी हो अष्टावक्र गीता।
मन ही बंधन है मन ही मुक्ति है ! अष्टावक्र गीता
सन्यास का जन्म कब होता है ?अष्टावक्र गीता।
परमात्मा सिर्फ तुम ही हो | अष्टावक्र गीता का अद्भुत ज्ञान |
ऋषि अष्टावक्र और राजा जनक की कथा! अष्टावक्र की अमर कथा.
आत्मा में डुबकी लगाओ अष्टावक्र गीता।
उसे पत्नी का प्रेम जिसे यमराज को भी झुका दिया करवा चौथ की सच्ची कथा।
आत्मा चीख उठती है जब अपने ही दुश्मन बन जाते है!सात भाई और एक बहन की दुखभरी कहानी।