इतिहास के पन्नों से: भापा राम चन्द जी (कपूरथला वाले) की जीवनी |🙏 निरंकारी मिशन के ज्योति स्तम्भ 🙏
Автор: Thought Between the Lines
Загружено: 2025-11-11
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*कहानी का स्रोत:* यह कथा संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक निरंकारी मिशन के ज्योति स्तम्भ भाग 1 से प्रेरित है।
🔗 पुस्तक पढ़ें: https://www.nirankari.org/publication...
🙏 धन निरंकार जी!
इस वीडियो में हम कपूरथला वाले संत भापा राम चंद जी (Sant Bhapa Ram Chand Ji) के जीवन की सबसे प्रेरणादायक साखियां (Sakhi) सुनेंगे। सन्त वह है जो हर सांस में रब का नाम ध्याता है और दूसरों का दुःख मिटाता है। भापा जी ऐसे ही एक सच्चे संत और गुरसिख थे।
जानें कैसे एक सत्संग में बहन शकुंतला जी के वचन सुनकर उन्हें ब्रह्मज्ञान (Brahmgyan) पाने की तड़प लगी और कैसे उन्होंने ज्ञान प्राप्त किया।
इस साखी में आप जानेंगे:
अनोखी सेवा: वह अद्भुत प्रसंग जब भापा जी ने अपनी अमीर धर्मपत्नी (श्रीमती राम देवी जी/सुख देवी जी) को गुरु की सेवा के लिए, पहचान छुपाकर एक साधारण 'नौकरानी' के रूप में भेज दिया।
सादगी की मिसाल: जब सद्गुरु ने उन्हें प्रचार के लिए कार देनी चाही, तो भापा जी ने 80,000 की बस को 30,000 की कार से महंगा बताकर मना कर दिया!
दिखावे का विरोध: जब एक महापुरुष ने पड़ोसियों से स्टील के बर्तन उधार लेकर उन्हें भोजन कराया, तो भापा जी ने क्या शिक्षा दी।
रज़ा में रहना: वह साखी जब उनके वचन से एक भक्त की दुकान पर पूरा बस अड्डा ही पहुँच गया।
सतगुरु का प्रेम: जब शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी ने मुंबई जाने से पहले भापा जी के दर्शन की इच्छा जताई और बाबा गुरबचन सिंह जी उन्हें रात में ही कपूरथला से दिल्ली ले आए।
यह कहानी सादगी, समर्पण, सेवा और गुरु-भक्ति की एक अनूठी मिसाल है।
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