“चित्रकूट में भरत मिलाप – भ्रातृ–प्रेम, त्याग आ मर्यादाक उमड़ल पवित्र गंगा”
Автор: Sajaniya Bhakti By Prabhakar Srivastava ji
Загружено: 2025-11-14
Просмотров: 89
चित्रकूटक पावन धरती पर बहि उठल प्रेमक गंगा—
जखन भरत चरण पकड़ि राम सँ मिललाह।
भ्रातृ–प्रेम, त्याग, विनम्रता आ धर्मक अद्भुत संगमक
एहि मिलापक क्षणमे जनक सन पुत्र भरत
राजसिंहासन छोड़ि रामक चरण–राज अपन मुकुट माने छथि।
राम–भरतक ई मिलन केवल गीत नहि,
मर्यादा, करुणा आ अमर प्रेमक जीवित प्रमाण अछि।
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке: