"मोही सबै हरिवंश बजाई" : श्रीहरिवंश नाम महिमा और अनन्य निष्ठा का अद्भुत दर्शन - अष्टम् प्रकरण
Автор: Hitras sindhu
Загружено: 2025-12-16
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इस वीडियो में, हम श्री सेवकवाणी के अष्टम् प्रकरण के पद 11 और 12 की गहन व्याख्या करेंगे, जहाँ श्री सेवकजी महाराज श्रीहरिवंश नाम और उनके प्रति अपनी अनन्य निष्ठा का अद्भुत वर्णन करते हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि प्रेम की ऐसी कौन सी रीति है जो मन को स्वतः ही अपने प्रियतम से बांध लेती है? श्री सेवकजी हमें बताते हैं कि कैसे उन्होंने सब अवतारों और ब्रज लीलाओं को भजकर देखा, लेकिन उनके चित्त को केवल श्रीहरिवंश की रस-रीति ही मोहित कर पाई। उनका मन एक ही प्रतीति में बंध गया है – "मोही सबै हरिवंश बजाई!"
हम जानेंगे कि कैसे 'हरि' नाम का आधा अंश भी पापों का नाश करता है, लेकिन 'हरिवंश' नाम का संपूर्ण रूप अनन्य प्रेमियों के लिए परम सुखदायक है। श्री सेवकजी की यह अटल शपथ कि वे श्रीहरिवंश को छोड़कर किसी और का भजन नहीं कर सकते, हमें उनके प्रेम की गहराई और दृढ़ता का दर्शन कराती है। #श्रीहरिवंश #सेवकवाणी #राधावल्लभ #राधावल्लभसंप्रदाय #हितहरिवंश #भक्ति #प्रेमभक्ति #अनन्यभक्ति #हरिनाममहिमा #आध्यात्मिकज्ञान #हिंदीभजन #संतवाणी #भक्तिज्ञान #प्रेममार्गी #राधाकृष्ण #गोस्वामीहितहरिवंश #जयश्रीराधे #श्रीराधावल्लभलाल #हिन्दूधर्म
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