Samaysar 323 भेद विज्ञान मूलक आत्मानुभूति ही धर्म है
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73-समयसार गाथा 19 || डॉ.हुकमचंद भारिल्ल || 21.05.2008
S s c 335 g 166
08/11/25 "श्री समयसार जी" गाथा-44 आ.पं.श्री राजेन्द्र कुमार जैन जबलपुर
Yogsar 163 सम्यकदर्शन प्राप्त करने के लिए कैसा पुरुषार्थ चाहिए
सारे साँप बिलों से निकल रहे हैं #EP2896 #apkaakhbar #pradeepsinghanalysis
72-समयसार गाथा 19 || डॉ.हुकमचंद भारिल्ल || 20.05.2008
Mamata Didi direct threat to S.I.R | Face to Face
योगसार 162 बंध और मोक्ष का स्वरूप
S s c 334 g 166 भेदज्ञान की कला
08/11/25 "श्री मोक्षमार्ग प्रकाशक जी"आ.पं.श्री राजेंद्र कुमार जी जैन जबलपुर
Samaysar 321 ज्ञानी कौन है
07/11/25 "श्री मोक्षमार्ग प्रकाशक जी"आ.पं.श्री राजेंद्र कुमार जी जैन जबलपुर
12. सुख पाने के लिए हर द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव में भटके पर सुख मिला नहीं || अपूर्व अवसर प्रवचन
Yogsar 151 आत्मा में सुख ही सुख है तो फिर दुख कहां से आता है
योगसार 159 ज्ञानी के जीवन में व्रतादिक का पालन कैसे होता है
Yogsar 155 आत्मा की सच्ची रुचि होनी चाहिए
जैसी भवितव्यता होती है, वैसे ही व्यवसाय, बुद्धि और कार्य हो जाते हैं | || Br. Pandit Ravindra Ji ||
Yogsar 154 शरीर पड़ोसी है दुश्मन नहीं
01. वर्तमान समय में अपने परिणामों को कैसे संभाले ? Dr. Hukamchand ji Bharill
23 मोक्षमार्ग प्रकाशक Live Page 18