Apamarjana Hindi | Apamarjana In Hindi | Apamarjan Hindi | Apamarjan In Hindi | Apamarjana Stotram
Автор: अथ मंत्रः - Ath Mantrah
Загружено: 2025-11-09
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अपामार्जन स्तोत्र हिंदी में | अपामार्जन स्तोत्र हिंदी | अपामार्जन स्तोत्र | अपामार्जन हिंदी में | अपामार्जन हिंदी
माँ पार्वती बोलीं- भगवन् ! सभी प्राणी विष और रोग आदि के उपद्रव से ग्रस्त तथा दुष्ट ग्रहों से हर समय पीड़ित रहते हैं। सुरश्रेष्ठ ! जिस उपाय का अवलम्बन करने से मनुष्यों को अभिचार अर्थात मारण-उच्चाटन आदि तथा कृत्या आदि से उत्पन्न होने वाले नाना प्रकार के भयंकर रोगों का शिकार न होना पड़े, उसका मुझसे वर्णन कीजिये
श्री महादेव जी बोले- पार्वती ! जिन लोगों ने व्रत, उपवास और नियमों के पालन द्वारा भगवान् विष्णु को संतुष्ट किया है, वे कभी रोग से पीड़ित नहीं होते। जिन्होंने कभी व्रत, पुण्य, दान, तप, तीर्थ-सेवन, देव-पूजन तथा अधिक मात्रा में अन्न-दान नहीं किया है, उन्हीं लोगों को सदा रोग और दोष से पीड़ित समझना चाहिये।
मनुष्य अपने मन से आरोग्य तथा उत्तम समृद्धि आदि जिस-जिस वस्तु की इच्छा करता है, वह सब भगवान् विष्णु की सेवा से निश्चय ही प्राप्त कर लेता है। श्री मधुसूदन के संतुष्ट हो जाने पर न कभी मानसिक चिन्ता सताती है, न रोग होता है, न विष तथा ग्रहों के कष्ट में बँधना पड़ता है और न कृत्या के ही स्पर्श का भय रहता है। श्री जनार्दन के प्रसन्न होने पर समस्त दोषों का नाश हो जाता है। सभी ग्रह सदा के लिये शुभ हो जाते हैं तथा वह मनुष्य देवताओं के लिये भी दुर्धर्ष बन जाता है।
जो सम्पूर्ण प्राणियों के प्रति समान भाव रखता है और अपने प्रति जैसा बर्ताव चाहता है वैसा ही दूसरों के प्रति भी करता है, उसने मानो उपवास आदि करके भगवान् मधुसूदन को संतुष्ट कर लिया।
ऐसे लोगों के पास शत्रु नहीं आते, उन्हें रोग या आभिचारिक कष्ट नहीं होता तथा उनके द्वारा कभी पाप का कार्य भी नहीं बनता। जिसने भगवान् विष्णु की उपासना की है, उसे भगवान् के चक्र आदि अमोघ अस्त्र सदा सब आपत्तियों से बचाते रहते हैं।
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Voice - BHASKAR PANDIT
ATH MANTRAH CHANNEL
स्वर - भास्कर पंडित
अथ मंत्रः
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