Gyarah mukhi Hanumat kavach Hindi me Ekadashmukhi hanumat kavach Bhaskar pandit
Автор: अथ मंत्रः - Ath Mantrah
Загружено: 2025-06-03
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सम्पूर्ण एकादशमुखी हनुमत कवच हिंदी में
श्री हनुमत कवच
@AthMantrah
एकादश मुखी हनुमत कवच
ग्यारह मुखी हनुमान कवच
ग्यारहमुखी हनुमत कवच
एकादशमुखी श्रीहनुमत कवच
ग्यारहमुखी श्रीहनुमत कवच
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प्रेम से बोलिये सियावर रामचंद्र भगवान की जय
पवनपुत्र हनुमान जी महाराज की जय
श्रद्धालु जनो वन्दनीय हनुमान जी की कृपा से आज हम एक अत्यंत दुर्लभ एवं दिव्य स्तोत्र का श्रवण करने जा रहे हैं
ग्यारह मुखी हनुमत कवच, यह कवच न केवल संकटों का नाश करता है अपितु साधक की सर्वत्र रक्षा करता है जो भक्त श्रद्धा पूर्वक इसका पठन अथवा श्रवण करता है वह भूत,प्रेत,पिचाश,दुष्ट ग्रह एवं समस्त बाधाओं से मुक्त हो जाता है अतः श्रद्धा सहित सम्पूर्ण मन से इस दिव्य स्तोत्र का श्रवण करें
जय श्रीराम
एकादस मुख हनुमत कवचं - ATH EKADASH MUKHI HANUMAN KAVACH
श्री गणेशाय नमः
लोपामुद्रा बोलीं- हे दयासागर अगस्त्य मुने ! आपने श्री हनुमान जी के विषय में जो यंत्र मंत्रांदिक्त बतलाये हैं वो मैंने सब सुने ॥१ ॥ अब हे प्राणनाथ! मैं आपसे एकादश मुख वाले वायुपुत्र श्री हनुमान जी का कवच सुनने को उत्सुक हूँ; दयासागर बताइये ॥२ ॥ इस प्रकार अपनी प्रियतमा के विनयान्वित वचन सुनकर महामुनि अगस्त्य ने कहना शुरु किया ॥३॥
अगस्त्य जी ने कहा-हे सुन्दरि ! मैं बुद्धिशाली रामदूत श्री हनुमान जी को नमस्कार करके ब्रह्मा जी के बताये हुये कवच को कहता हूँ, तुम सादर सुनों ॥४॥ यह कवच ब्रह्मा जी ने सनन्दन के लिये बताया; यह कवच बहुत ही दिव्य, कामनाओं की पूर्ति करने वाला तथा राक्षसों का नाश करने वाला है।। ५ ॥
यह कवच सभी प्रकार की सम्पत्ति का दाता और मधुर स्वर में गाये जाने से मनुष्य के पुण्य को बढ़ाने वाला है और यह बुद्धिमान एकादश मुख श्री हनुमान जी का कवच है ॥६॥
हनुमंत् कवच मंत्र के सनन्दन ऋषि माने गये हैं और प्रसन्नात्मा हनुमान जी इसके देवता है ॥७ ॥ इस कवच में अनुष्टुप् छन्द तथा बीजाक्षर स्वयं वायुपुत्र है, प्राण इसमें मुख्य है, शक्ति इसका विनियोग है।८ ॥ सब कार्यों की सिद्धि के लिये इसका जप करना चाहिये।
ॐ स्फ्रें बीजं शक्तिधारी पवनपुत्र हनुमान जी मेरे सिर की रक्षा करे ॥९॥ क्रों-बीजात्मा वानरेश्वर मेरे नेत्रों की रक्षा करे। क्षम्- बीजरुपी सीता शोक विनाशक मेरे कानों की रक्षा करें ॥१० ॥ ग्लों-बीज वाच्य लक्ष्मण प्राणदाता मेरी नासिका की रक्षा करे। वं-बीजार्थक अक्षय कारक मेरे कण्ठ की रक्षा करे ॥११॥
एं-बीजवाचक कपिनायक मेरे हृदय की रक्षा करें। वं-बीज वरिष्ठ अञ्जनि पुत्र मेरी दोनों भुजाओं की रक्षा करें ॥१२॥ राम-बीजात्मक रावण के दर्प को हरने वाले मेरे उदर की रक्षा करें। ह्रं सौं-बीजात्मक लंका जलाने वाले मेरे मध्य भाग की रक्षा करें ॥१३॥
REST OF THE HANUMAN KAVACH HINDI IS IN THE VIDEO
इस प्रकार सदैव रामदूत का यह कवच पढ़ना चाहिये।
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