समय: एक विशेष सत्र, मात्र गंभीर जिज्ञासुओं के लिए || आचार्य प्रशांत कार्यशाला (2023)
Автор: आचार्य प्रशान्त - Acharya Prashant
Загружено: 2023-05-05
Просмотров: 460521
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वीडियो जानकारी: 25.03.23, आचार्य प्रशांत कार्यशाला, ऋषिकेश
समय: एक विशेष सत्र, मात्र गंभीर जिज्ञासुओं के लिए || आचार्य प्रशांत कार्यशाला (2023)
📋 Video Chapters:
0:00 - Intro
2:18 - समय क्या है ?
6:26 - द्वैत,अद्वैत और समय का संबंध
14:32 - अपूर्णता से जन्मा असंतोष ; समय की धारा
24:43 - जीव और जगत का अंतर ; एक मूल भ्रम
33:24 - प्रकृति के नियम और जीव की नियत
42:39 - समय पर प्रश्न
55:30 - क्रमबद्ध और मनोवैज्ञानिक समय ; कृष्णमूर्ति का दृष्टिकोण
1:00:40 - वियोग और माया
1:02:14 - वर्तमान और अतीत-भविष्य का संबंध
1:17:49 - सौंदर्य और सत्य
1:37:05 - विश्लेषण और समझ ;कृष्णमूर्ति का दृष्टिकोण
1:44:04 - विचार और विचारक के केंद्र का समझ पर प्रभाव
1:52:13 - समापन
विवरण:
इस वीडियो में आचार्य जी ने समय की अवधारणा और उसके विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की है। उन्होंने बताया कि समय की परिभाषाएं अक्सर चक्रीय और आत्म-संदर्भित होती हैं, जिससे वास्तविकता का ज्ञान नहीं हो पाता। आचार्य जी ने यह स्पष्ट किया कि समय तब शुरू होता है जब दो तत्व बनते हैं, और यह अहंकार और प्रकृति के बीच के संबंध से जुड़ा होता है।
उन्होंने यह भी बताया कि समय का अनुभव तब होता है जब हम अपनी अपूर्णता के प्रति असंतोष महसूस करते हैं। जब हम अपने अहंकार को छोड़ते हैं और अपने भीतर की शक्ति को पहचानते हैं, तब हम समय की धारा को समझ सकते हैं। आचार्य जी ने यह भी कहा कि वर्तमान में जीने का अर्थ है अपने अहंकार से मुक्त होना और प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध बनाना।
आचार्य जी ने यह भी बताया कि हमारे विचार और अनुभव हमेशा अतीत और भविष्य से जुड़े होते हैं, और वर्तमान का अनुभव केवल तब संभव है जब हम अपने भीतर की स्थिति को समझें। उन्होंने यह भी कहा कि ज्ञान और अनुभव के बीच का संबंध महत्वपूर्ण है, और हमें अपने विचारों को पहचानने की आवश्यकता है।
प्रसंग:
~ समयातीत क्या है?
~ समय का अंत क्या है?
~ समय के ख़त्म होने के बाद क्या होगा?
~ समय से दोस्ती कैसे करें?
~ अतीत के प्रभावों से कैसे बचें?
~ वर्तमान में जीना क्या है?
~ भविष्य सुंदर बनाने का क्या अर्थ है?
~ अमरता क्या है?
~ समय का रूकना से क्या आशय है?
संगीत: मिलिंद दाते
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