जीव जनन कैसे करते हैं Notes Class 10, how do organisms reproduce class 10 notes in Hindi
Автор: RAJAN SIR
Загружено: 2024-01-12
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जीव जनन कैसे करते हैं Notes Class 10, how do organisms reproduce class 10 notes in Hindi
जीव जनन कैसे करते हैं Notes Class 10, how do organisms reproduce class 10 notes in Hindi by @rajansir07
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Chapter = 8 📚
💠 जीव जनन कैसे करते हैं💠.
❇️ जनन :-.
🔹 जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सजीव अपने जैसे नए जीव उत्पन्न करते हैं । यह पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है ।.
🔹 जनन जीवों का अस्तित्व बनाए रखता है । जनन की मूल घटना डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना है । इसके साथ – साथ दूसरी कोशिकाओं का सृजन भी होता है ।.
❇️ डी० एन० ए० प्रतिकृति का प्रजनन में महत्त्व :-.
🔹 वास्तव में कोशिका केन्द्रक में पाए जाने वाले गुणसूत्रों के डी.एन.ए. के अणुओं में आनुवांशिक गुणों का संदेश होता है जो जनक से संतति पीढ़ी में जाता है ।.
🔹 डी.एन.ए. प्रतिकृति बनना भी पूर्णरूपेण विश्वसनीय नहीं होता है । अपितु इन प्रतिकृतियों में कुछ विभिन्नताएं उत्पन्न हो जाती हैं , जिनमें से कुछ ऐच्छिक विभिन्नताएं ही संतति में समावेश हो पाती है ।
प्रजनन के प्रकार :-.
अलैंगिक प्रजनन .
लैंगिक प्रजनन.
🔶 अलैंगिक प्रजनन :- जनन की वह विधि जिसमें सिर्फ एकल जीव ही भाग लेते है , अलैंगिक प्रजनन कहलाता है ।.
🔶 लैंगिक प्रजनन :- जनन की वह विधि जिसमें नर एवं मादा दोनों भाग लेते हैं , लैंगिक प्रजनन कहलाता है ।.
❇️ अलैंगिक प्रजनन व लैंगिक प्रजनन में अंतर :-.
अलैंगिक प्रजनन लैंगिक प्रजनन एकल जीव नए जीव उत्पन्न करता है ।दो एकल जीव ( एक नर व एक मादा ) मिलकर नया जीव उत्पन्न करते हैं । युग्मक का निर्माण नहीं होता है ।नर युग्मक व मादा युग्मक बनते हैं ।नया जीव पैतृक जीव के समान / समरूप होता है । नया जीव अनुवांशिक रूप से पैतृक जीवों के समान होता है परन्तु समरूप नहीं । सतत् गुणन के लिए यह एक बहुत ही उपयोगी माध्यम है ।प्रजाति में विभिन्नताएँ उत्पन्न करने में सहायक होता है ।यह निम्न वर्ग के जीवों में अधिक पाया जाता है ।उच्च वर्ग के जीवों में पाया जाता है ।
❇️ अलैंगिक प्रजनन की विधियाँ :-.
विखंडन
द्विविखंडन
बहुखंडन
.
खंडन.
पुनरुद्भवन ( पुनर्जनन ).
मुकुलन.
बीजाणु समासंघ.
कायिक प्रवर्धन.
बीजाणु समासंघ.
🔶 1. विखंडन :- इस प्रजनन प्रक्रम में एक जनक कोशिका दो या दो से अधिक संतति कोशिकाओं में विभाजित हो जाती है । उदाहरण :-.
( क ) द्विविखंडन :- इसमे जीव दो कोशिकाओं में विभाजित होता है । उदाहरण :- अमीबा , लेस्मानिया.
( ख ) बहुखंडन :– इसमे जीव बहुत सारी कोशिकाओं में विभाजित हो जाता है । उदाहरण :- प्लैज्मोडियम
. खंडन :- इस प्रजनन विधि में सरल संरचना वाले बहुकोशिकीय जीव विकसित होकर छोटे – छोटे टुकड़ों में खंडित हो जाता है । ये टुकड़े वृद्धि कर नए जीव में विकसित हो जाते हैं । उदाहरण :- स्पाइरोगाइरा ।.
🔶 3. पुनरुद्भवन ( पुनर्जनन ) :- इस प्रक्रम में किसी कारणवश , जब कोई जीव कुछ टुकड़ों में टूट जाता है , तब प्रत्येक टुकड़ा नए जीव में विकसित हो जाता है । उदाहरण :- प्लेनेरिया , हाइड्रा ।.
🔶 4. मुकुलन :- इस प्रक्रम में , जीव के शरीर पर एक उभार उत्पन्न होता है जिसे मुकुल कहते हैं । यह मुकुल पहले नन्हें फिर पूर्ण जीव में विकसित हो जाता है तथा जनक से अलग हो जाता है । उदाहरण :- हाइड्रा , यीस्ट ( खमीर ) ।.
🔶 5. बीजाणु समासंघ :- कुछ जीवों के तंतुओं के सिरे पर बीजाणु धानी बनती है जिनमें बीजाणु होते हैं । बीजाणु गोल संरचनाएँ होती हैं जो एक मोटी भित्ति से रक्षित होती हैं । अनुकूल परिस्थिति मिलने पर बीजाणु वृद्धि करने लगते हैं ।.
🔶 6. कायिक प्रवर्धन :- कुछ पौधों में नए पौधे का निर्माण उसके कायिक भाग जैसे जड़ , तना पत्तियाँ आदि से होता है , इसे कायिक प्रवर्धन कहते हैं ।
a ) कायिक प्रवर्धन की प्राकृतिक विधियाँ :-
जड़ द्वारा :- डहेलिया , शकरकंदी
तने द्वारा :- आलू , अदरक
पत्तियों द्वारा :- ब्रायोफिलम की पत्तियों की कोर पर कलिकाएँ होती हैं , जो विकसित होकर नया पौधा बनाती है ।
.
( b ) कायिक प्रवर्धन की कृत्रिम विधियाँ :-
रोपण :- आम
कर्तन – गुलाब
लेयरिंग :- चमेली
ऊतक संवर्धन :- आर्किक , सजावटी पौधे
.
कायिक संवर्धन के लाभ :-
बीज उत्पन्न न करने वाले पौधे ; जैसे :- केला , गुलाब आदि के नए पौधे बना सकते हैं ।
नए पौधे आनुवंशिक रूप में जनक के समान होते हैं ।
बीज रहित फल उगाने में मदद मिलती है ।
पौधे उगाने का सस्ता और आसान तरीका है ।
.
🔶 7. बीजाणु समासंघ :- इस अलैंगिक जनन प्रक्रम में कुछ सरल बहुकोशिकीय जीवों के ऊर्ध्व तंतुओं पर सूक्ष्म गुच्छ ( गोल ) संरचनाएं जनन में भाग लेती हैं । ये गुच्छ बीजाणुधानी है जिनमें बीजाणु वृद्धि करके राइजोपस के नए जीव उत्पन्न करते हैं ।.
❇️ ऊतक संवर्धन – .
🔹 इस विधि में शाखा के सिरे से कोशिकाएँ लेकर उन्हें पोषक माध्यम में रखा जाता है । ये कोशिकाएँ गुणन कर कोशिकाओं के गुच्छे जिसे कैलस कहते हैं में परिवर्तित हो जाती है । कैलस को हॉर्मोन माध्यम में रखा जाता है , जहाँ उसमें विभेदन होकर नए पौधे का निर्माण होता है जिसे फिर मिट्टी में रोपित कर देते है । उदहारण :- आर्किक , सजावटी पौधे ।
लैंगिक प्रजनन :-.
🔹 इस जनन विधि में नयी संतति उत्पन्न करने हेतु वे व्यष्टि ( एकल जीवों ) की भागीदारी होती है । दूसरे शब्दों में नवीन संतति उत्पन्न करने हेतु नर व मादा दोनों लिंगों की आवश्यकता होती है ।.
लैंगिक प्रजनन नर व मादा युग्मक के मिलने से होता है ।.
नर व मादा युग्मक के मिलने के प्रक्रम को निषेचन कहते हैं ।
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