Noida International Airport ( TATA Project ) E.P.C , Time office, Batching plant, ATC, PTB, OBW ,
Автор: pure gold Mohit #02
Загружено: 2025-11-25
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ज़रूर, नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (Noida International Airport - NIA) परियोजना से जुड़ी कुछ खास बातें यहाँ हिंदी में दी गई हैं, खासकर टाटा प्रोजेक्ट्स (Tata Projects) के संदर्भ में:
✈️ नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (NIA) - मुख्य बातें
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जिसे जेवर हवाई अड्डा (Jewar Airport) भी कहा जाता है, उत्तर प्रदेश के जेवर (नोएडा के पास) में बन रहा है।
1. विकासकर्ता और निर्माणकर्ता
डेवलपर (विकसित करने वाली कंपनी): यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL), जो कि स्विट्जरलैंड की कंपनी ज़्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी (Zurich Airport International AG) की 100% सहायक कंपनी है।
EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) ठेकेदार: इस पूरे परियोजना के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स (Tata Projects) को EPC ठेकेदार के रूप में चुना गया है।
2. टाटा प्रोजेक्ट्स की भूमिका (Tata Projects' Role)
टाटा प्रोजेक्ट्स इस परियोजना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जो इसे भारत में सबसे बड़े बुनियादी ढाँचे के ठेकों में से एक बनाती है। उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
टर्मिनल बिल्डिंग (Terminal Building) का निर्माण: यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ मुख्य यात्री टर्मिनल का निर्माण करना।
एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर (Airside Infrastructure): रनवे (Runway), टैक्सीवे (Taxiway), और एप्रन (Apron) जैसी हवाई पट्टी से जुड़ी सभी संरचनाओं का निर्माण करना।
लैंडसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर (Landside Infrastructure): सड़कों, पार्किंग क्षेत्रों, और पहुँच मार्गों (access roads) सहित ज़मीन से जुड़ी सुविधाओं का विकास करना।
अन्य सहायक इमारतें: एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टॉवर, कार्गो सुविधाएँ, और अन्य यूटिलिटी इमारतें बनाना।
3. परियोजना की खास विशेषताएँ
नेट ज़ीरो एमिशन (Net Zero Emission): यह हवाई अड्डा भारत का पहला "नेट ज़ीरो एमिशन" हवाई अड्डा बनने की दिशा में काम कर रहा है। इसका मतलब है कि यह अपने संचालन के दौरान ग्रीनहाउस गैसों का शुद्ध उत्सर्जन शून्य करने का लक्ष्य रखता है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।
क्षमता: यह कई चरणों में विकसित होगा। पहले चरण में प्रति वर्ष लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी।
डिजाइन: हवाई अड्डे का डिज़ाइन भारतीय संस्कृति और वास्तुकला से प्रेरित होगा।
4. महत्व
यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) पर बढ़ते दबाव को कम करेगा।
इससे उत्तर प्रदेश में, खासकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और पश्चिमी यूपी के क्षेत्रों में आर्थिक विकास और रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा।
यह भारत को एक प्रमुख एविएशन हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।
अगर आप टाटा प्रोजेक्ट्स के काम में हुई प्रगति या परियोजना के पूरा होने की समय-सीमा के बारे में कोई खास जानकारी जानना चाहते हैं तो
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