गति और शांति साथ साथ - ऊर्जा स्थिरता ध्यान (नीचे अवश्य पढ़ो) Meditation
Автор: Gita Online
Загружено: 2025-11-06
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सूर्योदय से पूर्व का समय ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। यह वह अद्भुत चमत्कारिक पल होते हैं जिनके सदुपयोग के द्वारा मनुष्य अपने भीतर बहुत कुछ विकसित और बदल सकता है। इसे अमृत बेला यूँ ही नहीं कहा जाता, इन क्षणों में प्रकृति शान्त और जागृत होती है। सूक्ष्म ऋषि सत्ताएं ज्ञानियों के अनुसार इस समय एक विशेष प्रवाह प्रसारित करती हैं। वह प्रवाह अनेकों स्तरों पर हमारे पूरे जीवन को प्रभावित करता है। इतना ही नहीं और भी बहुत कुछ।
ध्यान एक अवस्था है जिसकी तैयारी मनुष्य के सम्पूर्ण जीवन आचरण से हो कर ही जाती है। कहते हैं न की जो भाव जीव के भीतर उसके अंतिम क्षण में होता है वही उसके अगले जन्म का आधार बनता है। यहाँ एक भाव समझने योग्य महत्वपूर्ण है की वह अंतिम क्षण का भाव भी सम्पूर्ण जीवन की तैयारी का ही परिणाम होता है , ठीक उसी प्रकार ध्यान भी एक लम्बी तैयारी की फलश्रुति है। श्रीमद भगवद गीता से अधिक सुंदर स्वरूप में यह बोध और अन्य कहाँ प्राप्त होता है।
इस सम्पूर्ण विवेचना को आप एक अध्यापक की कक्षा जान कर ही पढ़ना।
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