श्री रामजी का हनुमानजी से मिलना और श्री राम सुग्रीव की मित्रता की कहानी ?
Автор: Renu Yadav
Загружено: 2025-10-24
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श्री रामजी का हनुमानजी से मिलना और श्री राम सुग्रीव की मित्रता की कहानी ?
The story of Shri Ramji's meeting with Hanumanji and the friendship of Shri Ram and Sugriva?
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अरण्यकांड का एक अत्यंत प्रेरणादायक प्रसंग है — जब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण सीता माता की खोज में ऋष्यमूक पर्वत की ओर जाते हैं। वहीं उनकी भेंट होती है भगवान के परम भक्त हनुमानजी से। जब हनुमानजी पहली बार श्रीराम से मिलते हैं, तो वे ब्राह्मण का रूप धारण किए हुए थे। भगवान श्रीराम ने उनके मधुर वचनों और विनम्रता को देखकर पहचान लिया कि यह कोई साधारण नहीं, महान ज्ञानी और भक्त हैं।
श्रीराम और हनुमानजी की पहली मुलाकात में ही भक्त और भगवान का अटूट बंधन बन जाता है। हनुमानजी ने विनम्रता से कहा — “मैं आपके चरणों का सेवक बनकर रहना चाहता हूँ।”
इसके बाद हनुमानजी श्रीराम जी की भेंट सुग्रीव से करवाते हैं। सुग्रीव और श्रीराम के बीच मित्रता होती है और दोनों परस्पर एक-दूसरे की सहायता का वचन देते हैं —
श्रीराम सीता की खोज में सुग्रीव की सहायता लेंगे
और सुग्रीव, बाली से अपना राज्य वापस पाने में रामजी की सहायता लेंगे।
यह प्रसंग सच्ची मित्रता, निष्ठा और सेवा की भावना का प्रतीक है — जहाँ भगवान स्वयं अपने भक्त और मित्र के लिए धर्म और न्याय की स्थापना करते हैं। 🙏
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