Популярное

Музыка Кино и Анимация Автомобили Животные Спорт Путешествия Игры Юмор

Интересные видео

2025 Сериалы Трейлеры Новости Как сделать Видеоуроки Diy своими руками

Топ запросов

смотреть а4 schoolboy runaway турецкий сериал смотреть мультфильмы эдисон
dTub
Скачать

अपने भीतर की यात्रा कैसे शुरू करें ?भीतर का खजाना

Автор: KABIR KA ADHYATMA

Загружено: 2025-11-09

Просмотров: 2877

Описание:

जीवन की सबसे सुंदर और सच्ची यात्रा बाहर नहीं, भीतर की यात्रा होती है। यह वह मार्ग है जहाँ हम अपने असली स्वरूप, अपनी आत्मा, और अपने अस्तित्व के रहस्य को पहचानते हैं।
अपने भीतर की यात्रा शुरू करने के लिए बाहर की दुनिया से नहीं, अपने मन की शांति से शुरुआत करें।
कुछ पल मौन में बैठिए, अपने विचारों को देखिए, उन्हें जज मत कीजिए — बस साक्षी बनिए।
धीरे-धीरे जब मन शांत होता है, तब भीतर की आवाज़ सुनाई देने लगती है — वही आपकी आत्मा की पुकार है।
यह यात्रा न आँखों से देखी जाती है, न पैरों से तय होती है; यह तो अंतर की गहराई में उतरने की प्रक्रिया है।
जब आप स्वयं को समझने लगते हैं, तब बाहर का हर भ्रम मिटने लगता है।
✨ संदेश:
भीतर की यात्रा शुरू करना, अपने सच्चे घर की ओर लौटना है।
बस पहला कदम उठाइए — मौन में जाइए, और अपने “मैं” को महसूस कीजिए।

अपने भीतर की यात्रा कैसे शुरू करें ?भीतर का खजाना

Поделиться в:

Доступные форматы для скачивания:

Скачать видео mp4

  • Информация по загрузке:

Скачать аудио mp3

Похожие видео

जीव भवचक्र में कब तक भटकता है? सदगुरु श्री अभिलाष साहेब जी।#abhilashsahebji

जीव भवचक्र में कब तक भटकता है? सदगुरु श्री अभिलाष साहेब जी।#abhilashsahebji

परस्पर लाइफटाइम  प्रेम बनाकर कैसे रखें?#abhilashsahebji

परस्पर लाइफटाइम प्रेम बनाकर कैसे रखें?#abhilashsahebji

मौत को हर समय सामने  देखने वाला प्रेम में जीता है।  सद्गुरु अभिलाष साहेब जी

मौत को हर समय सामने देखने वाला प्रेम में जीता है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी

आत्मज्ञान कब और कैसे होता है?#abhilashsahebji

आत्मज्ञान कब और कैसे होता है?#abhilashsahebji

मानस जप – मानस ध्यान – सुरति शब्द योग | आत्मा को जगाने का मार्ग | Santmat Satsang Pravachan

मानस जप – मानस ध्यान – सुरति शब्द योग | आत्मा को जगाने का मार्ग | Santmat Satsang Pravachan

सब कुछ होने पर भी दुख क्यों_Why Does Suffering Exist_Sadguru Abhilash Saheb

सब कुछ होने पर भी दुख क्यों_Why Does Suffering Exist_Sadguru Abhilash Saheb

आत्मा जब जागती है तब जीवन सफल होता है।

आत्मा जब जागती है तब जीवन सफल होता है।

मौन !! साधना का ब्रह्मास्त्र ! श्री उड़िया बाबा जी

मौन !! साधना का ब्रह्मास्त्र ! श्री उड़िया बाबा जी

भीड़ में रहकर भी अकेले क्यों? मन क्यों नहीं भरता?#abhilashsahebji

भीड़ में रहकर भी अकेले क्यों? मन क्यों नहीं भरता?#abhilashsahebji

जीवन में ध्यान जरूरी है या सत्संग? भजन किसका करें?#abhilashsahebji

जीवन में ध्यान जरूरी है या सत्संग? भजन किसका करें?#abhilashsahebji

आत्म तत्व का अनुभव कब होता है? सदगुरु अभिलाष साहेब जी #abhilashsahebji

आत्म तत्व का अनुभव कब होता है? सदगुरु अभिलाष साहेब जी #abhilashsahebji

विचारों पर कंट्रोल कैसे करें? कैसे बने अपने विचारों के मलिक?#abhilashsahebji

विचारों पर कंट्रोल कैसे करें? कैसे बने अपने विचारों के मलिक?#abhilashsahebji

हरिनाम का सहारा ! श्री उड़िया बाबा जी

हरिनाम का सहारा ! श्री उड़िया बाबा जी

संत कबीर की उलटी वाणी#abhilashsahebji

संत कबीर की उलटी वाणी#abhilashsahebji

आत्मा का स्वरूप क्या है#आत्मा शरीर में कहां रहता है#abhilashsaheb#kabirvichardhara#बीजक शब्द 27

आत्मा का स्वरूप क्या है#आत्मा शरीर में कहां रहता है#abhilashsaheb#kabirvichardhara#बीजक शब्द 27

धोखे में न रहो कि यह कोई अपना है_सदगुरु अभिलाष साहेब

धोखे में न रहो कि यह कोई अपना है_सदगुरु अभिलाष साहेब

अध्यात्म की राह में आने वाली शंकाएं। सद्गुरु द्वारा समाधान#abhilashsahebji

अध्यात्म की राह में आने वाली शंकाएं। सद्गुरु द्वारा समाधान#abhilashsahebji

पेट और मन हमारे सुख दुख का कारण_सदगुरु अभिलाष साहेब

पेट और मन हमारे सुख दुख का कारण_सदगुरु अभिलाष साहेब

सबसे गहरी चोट शब्द करता है   सद्गुरु अभिलाष साहेब जी

सबसे गहरी चोट शब्द करता है सद्गुरु अभिलाष साहेब जी

संसार में सबसे पहले कौन आया/भगवान या मनुष्य /आज का सबसे बड़ा खुलासा सुने👉संत श्री अभय साहेब जी#कबीर

संसार में सबसे पहले कौन आया/भगवान या मनुष्य /आज का सबसे बड़ा खुलासा सुने👉संत श्री अभय साहेब जी#कबीर

© 2025 dtub. Все права защищены.



  • Контакты
  • О нас
  • Политика конфиденциальности



Контакты для правообладателей: [email protected]