दीवाना बनके दुनिया में | DIWANA BANKE DUNIYA ME | Kabir ke Bhajan | Kabir ke dohe | By Kahat Kabir
Автор: कहत कबीर
Загружено: 2025-09-17
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1. बने जो कुछ भजन कर ले, यही एक साथ जायेगा।
गया अवसर न तेरे फिर, ये हरगिज हाथ आयेगा।।**
👉 यहाँ कहा जा रहा है कि इस जीवन में यदि कुछ सच्चा साथ देगा तो वह केवल प्रभु का भजन और नाम-स्मरण है। बाकी सब यहीं छूट जाएगा। अवसर एक बार मिलता है, यह जीवन दुबारा नहीं मिलता, इसलिए प्रभु का स्मरण अभी से करना चाहिए।
**2. दीवाना बनके दुनिया में, समय अनमोल खोता है।
दिये लाखों की दौलत भी, न पल रहने तू पावेगा।।**
👉 मनुष्य दुनिया के मोह-माया में दीवाना बनकर कीमती समय गंवा देता है। यह समय इतना अनमोल है कि करोड़ों धन से भी एक क्षण खरीदा नहीं जा सकता। इसलिए इसे व्यर्थ गंवाना मूर्खता है।
**3. धरी रह जायेगी तेरी, अकड़ सारी ठिकाने पर।
जब आके यम जकड़ गर्दन, पकड़ कर धर दबावेगा।।**
👉 मनुष्य अपनी अकड़, घमंड और अहंकार में डूबा रहता है। परंतु जब मृत्यु सामने आकर गले को पकड़ लेगी, तब उसका सारा घमंड व्यर्थ हो जाएगा और कुछ काम न आएगा।
**4. कुटुम्ब परिवार सुत दारा, सहायक होगा ना कोई।
तेरे पापों की गठरी खुद, तू ही सिर पर उठावेगा।।**
👉 परिवार, बच्चे और पत्नी दुनिया में साथ देते हैं, पर मृत्यु के समय कोई साथ नहीं देता। केवल कर्म साथ जाते हैं – यदि पाप किए हैं तो उनकी गठरी स्वयं ही ढोनी होगी, कोई और मदद नहीं करेगा।
**5. गर्भ में था कहा तूने, न भूलूंगा प्रभु तुझको।
भला तू जाय के अपना, उसे क्या मुँह दिखावेगा।।**
👉 जब मनुष्य गर्भ में होता है तो ईश्वर से वादा करता है कि जन्म लेने के बाद तुम्हें नहीं भूलूँगा। लेकिन संसार में आते ही वह वादा भूल जाता है। ऐसे में ईश्वर के सामने क्या जवाब देगा?
**6. तुझे तो घर से जंगल में, तेरा ही खुद बखुद बेटा।
सुला दे लकड़ियों के ढेर में, तुझको जलावेगा।।**
👉 मृत्यु के बाद इंसान को घर से श्मशान तक उसका अपना बेटा या परिवार ही लेकर जाएगा और लकड़ियों के ढेर पर सुलाकर आग लगा देगा। अंत में शरीर भी राख बन जाएगा।
**7. कहे ‘कबीर’ समझाई, तू कहना मान ले भाई।
नहीं तो अपनी ठकुराई, वृथा सारी गँवावेगा।।**
👉 संत कबीर कहते हैं कि यह सब मैंने तुझे समझा दिया है, अब मान ले। यदि तू इसे नहीं मानेगा और अहंकार में रहेगा, तो तेरी सारी शान-शौकत व्यर्थ हो जाएगी।
👉 समग्र भावार्थ:
यह भजन हमें सिखाता है कि जीवन क्षणभंगुर है, समय अनमोल है और मृत्यु निश्चित है। धन-दौलत, परिवार, अहंकार – सब यहीं छूट जाएगा। साथ जाएगा तो केवल प्रभु का स्मरण और अच्छे कर्म। इसलिए अभी से सत्संग, भजन और सच्चे जीवन की राह पकड़ लेनी चाहिए।
🌸 Kabir Bhajan – "दीवाना बनके दुनिया में" 🌸
यह भजन संत कबीर दास जी के गहन उपदेशों पर आधारित है। इसमें जीवन की अस्थिरता, समय के महत्व और प्रभु-भजन की महत्ता को समझाया गया है।
👉 कबीर जी बताते हैं कि धन, परिवार और घमंड सब यहीं छूट जाएंगे, लेकिन प्रभु का भजन और अच्छे कर्म ही साथ जाएँगे। समय सबसे अनमोल है – एक बार चला गया तो लाखों की दौलत भी उसे वापस नहीं ला सकती। इसलिए अहंकार और मोह-माया में समय गँवाने की बजाय प्रभु का स्मरण करना ही सच्चा मार्ग है।
✨ भजन का भावार्थ (In Hindi):
प्रभु का नाम ही जीवन का सच्चा साथी है।
धन, परिवार, प्रतिष्ठा मृत्यु के समय कुछ काम नहीं आते।
मृत्यु निश्चित है, इसलिए समय व्यर्थ न गँवाएँ।
अच्छे कर्म और भजन ही अमर हो जाते हैं।
🌸 Kabir Bhajan – "Diwana Banke Duniya Mein" 🌸
This bhajan is based on the profound teachings of Sant Kabir Das Ji. It explains the impermanence of life, the value of time, and the importance of devotion.
👉 Kabir Ji reminds us that wealth, family, and pride will remain in this world, but only devotion and good deeds will accompany the soul. Time is priceless – once lost, even millions cannot bring it back. Therefore, instead of wasting it in ego and worldly illusions, one should remember the Divine.
✨ Meaning of the Bhajan (In English):
Only God’s name is the true companion of life.
Wealth, family, and status cannot help at the time of death.
Death is certain, so don’t waste time in pride or ignorance.
Good deeds and devotion are eternal treasures.
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