उनकी वाणी में वो सरसता है unki vani may wo sarasta hai
Автор: Atmbodh आत्मबोध
Загружено: 2023-08-12
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This soul touching song has been written by Shri M P Sharma and sung by Shri Kamal Sharma
Lyrics
होंठ खुलते हैं , रस बरसता है ।
उनकी वाणी में , वो सरसता है ।।
एक कशिश सी है, उनकी वाणी में,
उनके दर्शन को , मन तरसता है ।
होंठ खुलते हैं , रस बरसता है ।
उनकी वाणी में , वो सरसता है ।।
ये तरीका है , उनके देने का ,
खाली करता है , फिर वो भरता है।
होंठ खुलते हैं , रस बरसता है ।
उनकी वाणी में , वो सरसता है ।।
मेरी रंगत तो , फीकी फीकी है ,
उनकी संगत से, रंग उभरता है ।
होंठ खुलते हैं , रस बरसता है ।
उनकी वाणी में , वो सरसता है ।।
गुरू चुम्बक हैं , खींच लेते हैं ,
मन है लोहा जो, वो सरकता है ।
होंठ खुलते हैं , रस बरसता है ।
उनकी वाणी में , वो सरसता है ।।
जब भी दर्शन की, प्यास जगती है,
बनके बादल वो , तब बरसता है ।
होंठ खुलते हैं , रस बरसता है ।
उनकी वाणी में , वो सरसता है ।।
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