मकर राशि का जीवन एक लोन है
Автор: Spirituality and Premonition by Vijaya Samal
Загружено: 2025-12-23
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मकर राशि का जीवन: एक कर्म–ऋण जो जन्म से चुकाया जा रहा है,मकर राशि का जीवन सामान्य नहीं होता। यह सुख खोजने की यात्रा नहीं, बल्कि कर्म चुकाने की प्रक्रिया होती है। मकर राशि के लोग बचपन से ही महसूस करते हैं कि जैसे ज़िंदगी ने उन्हें बिना पूछे जिम्मेदार बना दिया हो।
यह कोई संयोग नहीं। यह पूर्व जन्मों का कर्म–ऋण है।
“लोन” का आध्यात्मिक अर्थ,यहाँ लोन का मतलब पैसा नहीं है। यह लोन है, परिवार की जिम्मेदारियों का, दूसरों के बोझ को उठाने का,अधूरे कर्मों को पूरा करने का
मकर राशि मानो जन्म से ही EMI में जीती है .हर साल, हर रिश्ता, हर संघर्ष। शनि सज़ा देने वाला नहीं, कर्म गिनने वाला, शनि दुख देने वाला ग्रह नहीं है। शनि है कर्म का लेखाकार। वह देखता है,किस आत्मा ने कितना लेना है,और कितना चुकाना है। मकर राशि के खाते में अक्सर लिखा होता है, “पिछले कर्मों का बकाया शेष” बचपन से बोझ क्यों? मकर राशि का बचपन अक्सर, जल्दी बड़ा होने का
भावनात्मक अकेलेपन का,और “तुम समझदार हो” कहकर छोड़ दिए जाने का होता है। क्योंकि शनि समय बर्बाद नहीं करता। जिस आत्मा में सहनशक्ति होती है, उसे शुरुआत से ही कठोर बनाया जाता है। मेहनत फिर भी कम क्यों लगती है? मकर बहुत मेहनत करता है, फिर भी लगता है कि फल कम मिला। क्योंकि यह मेहनत कमाने के लिए नहीं, चुकाने के लिए होती है। रिश्तों में घाटा क्यों? मकर रिश्तों में ज़्यादा देता है, कम माँगता है, और अंत में अकेला रह जाता है।
क्योंकि रिश्ते भी उसके लिए कर्तव्य बन जाते हैं।
लोन कब खत्म होता है? लोन तब खत्म होता है जब मकर ज़रूरत से ज़्यादा सहना छोड़ देता है,guilt में जीना छोड़ देता है,खुद को चुनना सीख लेता है तभी शनि कहता है
“अब तुम मुक्त हो।” मकर राशि का जीवन सज़ा नहीं,
दीक्षा है। जो आत्मा यह कर्म–ऋण चुकाती है, वह भीतर से इतनी मज़बूत बन जाती है,कि बिना दिखावे के ही भरोसा जगा देती है।
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