वाच्य के प्रकार -3 vioce
Автор: Lakshay acedamy
Загружено: 2025-11-20
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वाच्य" हिंदी में एक व्याकरणिक अवधारणा है जो वाक्य कीवाणीको संदर्भित करती है, विशेष रूप से यह कि क्रिया, कर्ता (कर्ता) या कर्म (प्राप्तकर्ता) से किस प्रकार संबंधित है । यह निर्धारित करता है कि वाक्य कर्मवाच्य (कर्तृवाच्य) में है जहाँ कर्ता क्रिया करता है, या कर्मवाच्य (कर्मवाच्य) में, जहाँ क्रिया कर्ता पर की जाती है। भाववाच्य नामक एक तीसरा प्रकार भी है, जहाँ कर्ता या कर्म के बजाय भाव या भावना पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
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