झाला | झाला गीत- 2 | झाला वारणा | jhala geet | गोरी रा पिव पातलिया | सुनते रहिए झाला गीत | jhala- 2
Автор: Jangid Lok Geet
Загружено: 2025-05-19
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/ @jangidlokgeet
झाला- 2
मंहलां माथो नावती जीओ राज भंवरसा
गुदल्यो पाणी होय
में गोरी थे सांवळा जीओ राज भंवरसा
करूं न झगड़ो कोय
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
आंटी डोरा कांगसी जीओ राज भंवरसा
सीस गुंथाबा जाय
सामा मिलिया सायबा जीओ राज भंवरसा
छाती धड़का खाय
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
आंख्यां डंबर लाल हुई जीओ राज भंवरसा
हियो गंवायो रोय
थे साजन परदेस बस्या जीओ राज भंवरसा
जग बैरागी होय
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
कुरंजां एक संदेशड़ो जीओ राज भंवरसा
कह प्रीतम समझाय
बिन थांके धण कोयला जीओ राज भंवरसा
राख ढूंढज्यो आय
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
च्यार खुणारी बावड़ी जीओ राज भंवरसा
जिण पर कतरूं पान
म्हे गोरी थे सांवळा जीओ राज भंवरसा
चाबो चतर सुजान
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
नुवां घड़ाया गोखरू जीओ राज भंवरसा
चमक्या सारी रात
सासू हेलो पाड़ियो जीओ राज भंवरसा
राजन पकड़्यो हात
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
पीव पधारो सेज में जीओ राज भंवरसा
हरज्यो मन की आस
सूनी सेज पुकारती जीओ राज भंवरसा
थां बिन जिंदा लास
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
काळी हांडी कांच की जीओ राज भंवरसा
मूंग चिणा की दाळ
नितका पेड़ा ल्यावता जीओ राज भंवरसा
अब कांई पड़ियो काळ
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
नख स्यूं चांवल चीरती जीओ राज भंवरसा
चीर बणाती खीर
जीमो गोरी सा सायबा जीओ राज भंवरसा
सगी नणद रा बीर
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
सात सुपार्यां चीकणी जीओ राज भंवरसा
फोड़ूं सबने साथ
घणा दिनां रा ओळबा जीओ राज भंवरसा
काढूं एकन रात
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
आप सरीसा सायबा जीओ राज भंवरसा
घड़ी न छोड्या जाय
चांवल मूंगारी खीचड़ी जीओ राज भंवरसा
घी बिन खाई न जाय
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
तेल जळ्यो बाती जळी जीओ राज भंवरसा
नांव दिया रो होय
गोरी तो बेटो जण्यो जीओ राज भंवरसा
नांव आप रो होय
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
चांदण थारे चांदणे जीओ राज भंवरसा
डागळ घाली खाट
जद जागूं जद एकली जीओ राज भंवरसा
रात्यूं जोई बाट
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
रिमझिम महंला चढ़ गई जीओ राज भंवरसा
पायल की झणकार
आभा चमके बिजळी जीओ राज भंवरसा
कर सोळा सिणगार
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
तोरण हीरा सूं जड़्यो जीओ राज भंवरसा
मोत्यां भरियो थाळ
सासु करती आरती जीओ राज भंवरसा
परणो राजकुंवार
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
कागद नईं कोई मसी नईं जीओ राज भंवरसा
नईं है लेखणहार
संदेशो नईं आवियो जीओ राज भंवरसा
जीवूं किण आधार
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
पंछी एक संदेशड़ो जीओ राज भंवरसा
कह ढोला पहुंचाय
समदर जोबन जोश को जीओ राज भंवरसा
रतन काढने आय
गोरी रा पीउ पातलिया वो राजभंवर जी झाला दे घर आय
राजस्थान की समृद्ध लोक परंपरा झाला गीत महत्वपूर्ण है इन गीतों में राजस्थान की ग्रामीण महिलाएं चांदनी रात में एक दूसरे के हाथों में हाथ डाले लूर गीत गाती है गीत की एक पंक्ति को एक समूह की महिलाएं गाती है और उसकी दूसरी पंक्ति को दूसरे समूह की महिलाएं पूरी करती है अपने प्रिय की याद में विरह वेदना में तपती हुई अपने प्रिय को याद करने के लिए एक अद्भुत राजस्थानी संस्कृति का यह मन को झंकृत करने वाला झाला होली के दिनों के जब बसंत अपने संपूर्ण यौवन में होता है तब यह विरह वेदना से परिपूर्ण ये गीत राजस्थान की धरती के हर एक कोने में पहुंचते हैं इस समृद्ध संस्कृति में हम सबको हिस्सेदार बनना चाहिए यह गीत सुनते ही हर एक के मन में इसे बार-बार सुनने की एक हिलोर उठती है
जांगिड़ लोक गीत
रामविलास जांगिड़ अजमेर द्वारा स्थापित राजस्थानी लोक गीत रस धारा प्लेटफॉर्म का उद्देश्य महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले बहुत पुराने राजस्थानी लोक गीतों की समृद्ध परंपरा को संरक्षित विकसित और पल्लवित करना है इस मंच पर राजस्थानी लोक गीत भाषा और संस्कृति के अनमोल रत्नों को प्रदर्शित किया जाता है ताकि युवा पीढ़ी इनसे जुड़ सके और लोक गीतों के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को समझते हुए इसे संरक्षित कर सके यह प्लेटफार्म राजस्थान के ग्रामीण जीवन लोक संगीत और पारंपरिक गीतों का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है जो लोक कला के प्रति समझ और सम्मान बढ़ाने में बड़ा सहायक है इंदिरा जांगिड़ (9413 601939)
प्रबंधक जांगिड़ लोक रस धारा 18 उत्तम नगर घूघरा अजमेर (राजस्थान) 305023
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