इतिहासकार नहीं चाहते कि आप महाबलिपुरम की इन गुप्त गुफाओं के बारे में जानें!🤔🤔
Автор: Praveen Mohan Hindi
Загружено: 2021-06-14
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आइए चलते हैं महाबलीपुरम की एक अजीब जगह पर, जिसे टाइगर केव्स के नाम से जाना जाता है| आप जो देखने वाले हैं, वह वास्तव में अद्भुत है क्योंकि अधिकांश लोगों ने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है ।😱😱😱
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00:00 - परिचय
01:03 - अद्भुत कारीगरी!
02:20 - विभिन्न जानवर!
03:26 - अविश्वसनीय संरचना!
04:25 - एक शानदार शिवलिंग!
05:37 - अद्भुत बेलनाकार संरचना!
06:21 - पूर्ण संरचना पर एक नज़र!
07:25 - एक अजीब, लेकिन दिलचस्प चट्टान!
08:51 - नंदी की एक विचित्र मूर्ति!
09:52 - निष्कर्ष
हे दोस्तों आज मैं आपको एक अजीब जगह दिखाने जा रहा हूं जिसे टाइगर केव्स कहा जाता है। ये जो जगह आप देख रहे हैं इसमें कई अजीब विशेषताएं हैं। मुझे लगता है कि यह एक प्राचीन प्रयोगशाला रही होगी । आप जो देखने वाले हैं, वह वास्तव में अद्भुत है क्योंकि अधिकांश लोगों ने कभी ऐसा कुछ नहीं देखा है । इन टाइगर केव्स में कुछ रहस्यमयी बात है यह एक गुफा नहीं है ,यहाँ कोई गुफा नहीं है और न ही ये स्मारक किसी बाघ को दर्शाते हैं।
यदि आप इन रचनाओं को देखते हैं तो यहाँ कोई भी बाघ नहीं हैं, और इतिहासकार बताते हैं कि ये संरचनाएं पल्लव राजाओं द्वारा बनाई गई थीं, लेकिन पल्लव राजाओं ने कभी बाघों की नक्काशी नहीं की क्योंकि यह उनके प्रतिद्वंद्वी चौलों का प्रतीक है। तो इस संरचना का मूल क्या है? सामान्य तौर पर हिन्दू मंदिरों और स्मारकों पर सक्ष्मतम विशेष कारीगरी दूर से कम दिखाई देते हैं और जैसे-जैसे आप स्मारकों के पास पहुँचते हैं आपको वहाँ की कारीगरीके और अधिक बारीक विवरण दिखने लगते हैं, लेकिन यह संरचना इसके पूर्णतः विपरीत है |जब आपइस संरचना के करीब होते हैं आप यह नहीं बता सकते हैं कि यह क्या है। यदि आप इस संरचना को इतना पास से देखते हैं तो आप यह भी नहीं बता सकते हैं कि वे क्या हैं, आप यह भी नहीं बता सकते हैं कि क्या वे जानवर हैं। लेकिन आप जितना दूर जाएंगे आपको उतनी साफ तस्वीर नजर आएगी । चलिए कोशिश करते हैं ...
देखिए कैसे कैमरा दूर और दूर बढ़ता है और कैसे चित्र स्पष्ट और स्पष्ट होता जाता है। यही टाइगर केव्स की सुंदरता है ।ऐसा माना जाता है कि टाइगर केव्स लगभग 1300 साल पहले बनाया गया था, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि यह इससे बहुत पहले लगभग, 10,000 साल पहले बनाया गया था। यह एक बहुत अजीब संरचना है कई पुरातत्वविदों का मानना है कि यह मंदिर नहीं था लेकिन कोई नहीं जानता कि इस संरचना को क्यों बनाया गया था ?
यहाँ कोई प्रतिमा नहीं हैं। यहाँ ऐसी कोई अन्य विशेषताएं भी नहीं हैं जो बताती हैं कि यह संरचना क्या थी, लेकिन आप ये विभिन्न जानवर देख रहे हैं । यह जानवर जो आम तौर पर एक बाघ होने का भ्रम पैदा करता है, इसके बड़े नुकीले दांत लेकिन गाय की तरह सींग भी हैं और आप यहाँ और अधिक जानवरों को देख सकते हैं आप यहाँ जो देख रहे हैं वो एक हाथी है। यहां पास में और अधिक हाथी बने हुए हैं, लेकिन यहाँ एक घोड़ा भी बना हुआ है। उन्होंने इस तरह से एक स्मारक का निर्माण क्यों किया जो अलग अलग जानवरों से भरा हुआ है ? कोई नहीं जानता। जैसा कि आप देख सकते हैं यह सिर्फ एक चट्टान है यह एक विशाल चट्टान है, लेकिन आप जानते हैं कि प्राचीन निर्माणकर्ता इन चीजों को अद्भुत स्मारकों में परिवर्तित करने में सक्षम थे ।
जरा इस पर एक नजर डालें, यह अविश्वसनीय है क्योंकि आप देख सकते हैं कि यह सिर्फ एक चट्टान है लेकिन उन्होंने इसे एक मंदिर में बदल दिया है । आइए एक नज़र डालते हैं कि इसमें हमारे लिए क्या है। अब आप इस कक्ष के अंदर एक सबसे शानदार ,मशीन से बना लिंगम देख सकते हैं। यह उन सबसे जटिल संरचनाओं में से एक है जिन्हें में प्राचीन काल में बनाया गया था चलिए अंदर जा कर देखते हैं कि यह कैसा दिखता है। इस लिंगम के 16 बाजुए हैं और सभी कोण पूरी तरह से सटीक बने हैं। पत्थर की एक चट्टान को लेकर, उन्हें एकदम सही कोण के साथ 16 बराबर पक्षों में बनाने की कल्पना कीजिए |
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